मेघनगर में सरकारी व आदिवासी जमीनों को हथियाने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ पत्रकारों ने खोला मोर्चा, प्रेस कांफ्रेंस में कार्यपालन अधिकारी की गैरजिम्मेदारी हुई उजागर, करोड़ों की सरकारी जमीन पर है अवैध कब्जा | New India Times

रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

मेघनगर में सरकारी व आदिवासी जमीनों को हथियाने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ पत्रकारों ने खोला मोर्चा, प्रेस कांफ्रेंस में कार्यपालन अधिकारी की गैरजिम्मेदारी हुई उजागर, करोड़ों की सरकारी जमीन पर है अवैध कब्जा | New India Times

झाबुआ जिले के मेघनगर में वर्षो से पड़ी शासकीय मंडी निजुल की जमीनों को हथियाने का खेल भूमाफियाओं और दलालों द्वारा बड़ी तेजीे से किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में सरकार बदलते ही भूमाफियाओं और दलालों ने अपनी कारस्तानी दिखाना शुरू कर दी है। मेघनगर में शासकीय जमीन जिसका सर्वे नं. 485 जो दशहरा मैदान एवं सर्वे नं. 557 का भूखण्ड़ क्रं. 31, 32 एंव सर्वे नं. 609 कालका माता झाबुआ रोड को हथियाने का प्रयास भूमॉफियाओं और दलालों द्वारा किया जा रहा है जिसको लकेर नगर के जागरुक पत्रकारों ने नगर परिषद मुख्य कार्यपालन अधिकारी से प्रेस वार्ता मेघनगर के गेस्ट हाउस में आयोजित की। वैसे तो मेघनगर का ह्नदय स्थल कहे जाने वाले दशहरा मैदान जो कि राजा महाराजा के जमाने से राजस्व के नक्शे पर मंडी निजुल साशकीय भूमि के नाम से दर्ज है जिस पर कई सालों से भूमाफियाओं की नजर है। इसी तरह नगर की बेशकीमती जमीनों पर भू माफिया कुंडली मारकर बैठे हैं और नगर परिषद द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं कर रही है, इसी को लेकर नगर के जागरूक पत्रकारो नें प्रेस वार्ता आयोजित की।

पत्रकारों द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी से पहला सवाल पूछा गया कि नगर में साशकीय मंडी निजुल की भूमि जिसका भूखण़्ड क्रमांक 557, 485, 609 शासकीय है या नहीं? जिस पर कार्यपालन अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उक्त सर्वे नं. की मुझे कोई जानकारी नहीं है।

पत्रकारों द्वारा कार्यपालन अधिकारी से अगला सवाल रखा गया कि उक्त सर्वे नं. पूर्व से लगाकर अभी तक नगर परिषद द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ माननीय न्यायालय में क्या क्या परिवाद प्रस्तुत किये लेकीन नगर परिषद के सीएमओ और नगर परिषद की लापरवाही कि हद तो तब हो गई जब पता चला कि उक्त जमीनों पर चल रहे न्यायालय परिवादों की जानकारी ही उन्हें नहीं है। उक्त परिवादों में अब एक्शन में आने की बात पत्रकारों को सफाई देते हुए कही गई।
नगर में स्थित टाउन हाल का प्रकरण थादंला न्यायालय में जीता गया तो उसके समीप की दो रजिस्ट्री शून्य कर दी गई। उसका रिकार्ड आपके पास है क्या उस पर आपके द्वारा अतिक्रमण क्यों नही हटाया गया?
आपकी पदमुद्रा का गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर संबधित व्यक्ति पर क्या र्कायवाही की गई साथ ही नगर की करोड़ों रुपए की शासकीय जमीनें, दुकानें मकान जेसे सरसी बाई धर्मशाला, बस स्टैंड वाली सरकारी जमीन, मुर्दाघर कालका माता मंदिर झाबुआ रोड आदि और आदिवासियों की जमीनों पर भूमाफिया और दलाल कुंडली मारकर बैठे हैं और अपने आपको समाज सेवीे बताते हैं???


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By nit

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