इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ दमोह (मप्र), NIT:
लोग नये साल की शुरुआत अपने अंदाज में करते हैं, कोई रात भर जश्न में डूबकर सेलिब्रेट करना पसंद करता है तो कोई अपने दोस्तों परिवारों के साथ नए वर्ष का आगाज करना ज्यादा पसंद करेगलेकिन दमोह जिले के नवागत डी एम नीरज कुमार और उनकी पत्नी ने वर्ष के पहले दिन की शुरुआत बृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों के बीच सेलिब्रेट करने का मन बनाया और उन्हें खुद खाना परोसकर मिठाई खिलाकर नये वर्ष की शुभकामनाएं दी और आशीर्वाद लिया।
यूँ तो दमोह कलेक्टर ने चार दिन पूर्व ही जिले की बागडोर संभाली, इसी बीच जब नये वर्ष का आगाज हुआ तो अपनी सारी खुशियाँ और प्यार उन ग़रीब और लाचार बुजुर्गों के बीच बाँटी जिनके बेटे बेटियां भले ही बड़े बड़े रेस्तरां और पार्टियों में इस दिन का सेलिब्रेट कर रहे हो और उनके माँ बाप यहाँ बृद्ध आश्रम की जिंदगी बसर करने मजबूर हो तो ऐसे में जिले के मुखिया का इनके बीच परिवार सहित वक़्त गुजारना कई मायनों में खास हो जाता है। बल्कि दूसरों को एक नसीहत दे जाता है दमोह कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और उनकी धर्म पत्नी प्रियम्बदा ने एक ऐसी नज़ीर पेश की के सबको एक सबक दे गई। यहाँ रहने वाले सभी बुजुर्ग महिलाओं और बृद्ध जन को बड़े प्यार और सम्मान से हाथ जोड़कर नये साल की मुबारकबाद देते हुए उनसे दुआएं ली और उनका हाल जाना इतना ही नही बल्कि आश्रम में एक एक जगह का मुआयना भी किया जो कमी देखी उसे फौरन सुधार करने दिशा निर्देश दिए। तो समाज के लोगों को नसीहत भी दी।
जब जिले के मुखिया को अपने बीच पाया तो बुजुर्ग महिलाओं की खुशी का ठिकाना ना रहा जो एक अदद मुस्कान को तरसते थे आज उनके चेहरे खिल उठे कभी बुजुर्ग महिलाएं कलेक्टर को दुआये देती तो कभी बुजुर्ग महिला उनकी पत्नी को दुलार करती यही समझकर की काश उनके खुद के बेटे बेटियाँ आज इसी तरहा पास होते तो शायद उन्हें भी यूँही दुलार करती प्यार भरी नजरों से देखती लेकिन इन बे सहारों के बीच दमोह डी एम के आने से जैसे उनकी ये हसरत भी पूरी हो गई। कलेक्टर नीरज कुमार की एक छोटी सी पहल ने भले ही चंद पलो के लिये बृद्धाश्रम में खुशियां ला दी लेकिन इन पथराई हुई आँखों मे चमक पैदा कर दी।
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