वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
लखीमपुर खीरी शहर पलिया कलां मे रामलीला कमेटी के तत्वाधान मे चल रही रामलीला में रविवार को महावली हनुमान जी द्वारा माता सीता की खोज और लंका दहन का मंचन श्री सत्य विजय आदर्श राम लीला मंडल बाकेस्वर स्थान बाकी विहार से आये कलाकारो द्वारा कर मन मोहक झाकियों से दर्शकों को रोमाचिंत करते हुये विश्व वृहद हिन्दी के विशाल शब्द कोश गोस्वामी तुलसी दास रचित रामचरित मानस की चौपाइयों पर दर्शकों को महावली के बलचातुर्य और साहस का अनुपम प्रदर्शन करते हुये विभीषण के मित्रता तथा अक्षय कुमार वध का मंचन करते हुये माता सीता की खोज में निकले भगवान श्रीराम भक्त हनुमान ने माता सीता का पता लगाया। वहीं लंका में पहुंचकर अपनी लीलाओं से लंका की प्रजाओं व रावण को चकित कर दिया साथ ही रावण की लंका भी दहन कर दी।
कलाकारों ने माता सीता की खोज व लंका दहन का मंचन किया साथ ही भगवान की भेंट अपने भक्त हनुमान से हुई। रामलीला में भगवान राम, लक्ष्मण माता सीता की खोज में निकले, तो उनके भक्त हनुमानजी से भेंट हुई। भगवान राम की आज्ञा लेकर हनुमान माता सीता की खोज के लिए लंका पहुंचे। वहीं रावण ने हनुमानजी की पूंछ पर आग लगा दी। उसी आग से लंका को आग के हवाले कर दिया।
रावण सेना हुई हतोत्साहित
भगवान राम से युद्ध करने की इच्छा रखने वाले रावण की लंका को हनुमान ने जलाकर खाक कर दिया। इसे देख रावण की सेना हतोत्साहित हो गई।
इस मौके पर मुख्य रूप से मेहर चंद आरोडा,नन्हे फोटो ग्राफर बद्री विशाल गुप्ता,रामचंद्र शुक्ला,निरंकार प्रसाद बरनवाल,उमाशंकर मिश्रा राजेश भारतीय,राजेश गुप्ता,विजय महेन्द्रा,श्रीराम वर्मा,रमेश गुप्ता, सहित सैकडो दर्शक मौजूद रहे।
अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक पुतला फूंककर किया गया राम राज्याभिषेक।
जिले का सबसे ऊंचा रावण पलिया में बनाया जाता है। इस रामलीला की शुरुआत राजा जंगी सिंह ने की।
डोन कैमरे की निगेबानी में रहा मेला परिसर।
तफज्जुल हुसेन ने निभाया हनुमान का किरदार।
शहर में रामलीला कमेटी के तत्वाधान मे चल रही रामलीला मे सोमवार को रावण बध व राम राज्याभिषेक का मंचन सत्य विजय आदर्श राम लीला मंडल बाकेस्वर स्थान बाकी विहार से आये कलाकारो द्वारा कर मन मोहक झाकियो से अधर्म पर धर्म की विजय औरनीति युद्ध से दर्शको को रोमाचिंत करते हुये हिन्दी के विशाल शब्द कोश गोस्वामी तुलसी दास रचित रामचरित मानस की चौपाइयो पर दर्शको को मंत्रमुग्ध कर कर्मो के फल का परिचय करा रावण के 65 फिट ऊचे पुतले का दहन किया गया।
रावण वध के बाद समारोह पूर्वक हुई राज्याभिषेक की रस्म, रामायण के मूल चरित्र को जीवन में उतारने पर रावण वध की लीला का मंचन करने के बाद राम का राज्याभिषेक समारोहपूर्वक किया गया। रामलीला के प्रारंभ में राम, लक्ष्मण का रावण व उसकी सेना के साथ युद्ध दिखाया गया। युद्ध में रावण के बार-बार जीवित होने पर विभीषण ने जब रावण की नाभि में स्थित अमृत कुण्ड के बारे में बताया तो पहले अग्नि बाण चलाकर अमृत कुण्ड सोखने के बाद रावण का वध किया गया। मृत्यु शैया पर पड़े रावण ने नीति व ज्ञान से संबंधित शिक्षाएं प्रदान की। तत्पश्चात विभीषण को राज तिलक देकर लक्ष्मण सीता को राम के पास लाए, जहां अग्निपरीक्षा का सुंदर दृश्य प्रस्तुत किया गया। इसके बाद राम, लक्ष्मण के अयोध्या पहुंचने व राज्याभिषेक का प्रसंग मंचित किया गया।
संयुक्त रूप से राजतिलक की रस्म अदा की। इस अवसर पर अतिथियों ने भगवान राम, लक्ष्मण, सीता व हनुमान के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेते हुए संयुक्त रूप से राजतिलक की रस्म अदा की। इस अवसर पर अतिथियों ने भगवान राम, लक्ष्मण, सीता व हनुमान के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेते हुए मर्यादा, भातृप्रेम, पत्नी धर्म व भक्ति से ओत-प्रोत जीवन जीते हुए समाज को नई दिशा की तरफ अग्रसर कर रामराज्य की स्थापना में अपना अमूल्य योगदान देने का आह्वान किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से बद्री विशाल गुप्ता,रामचंद्र शुक्ला,निरंकार प्रसाद बरनवाल,उमाशंकर मिश्रा,पंडित मुन्ना लाल मिश्रा, राजेश भारतीय,राजेश गुप्ता,विजय महेन्द्रा, समाज सेवी रवी गुप्ता, श्रीराम वर्मा,रमेश गुप्ता,नन्हे फोटोग्राफर सी ओ कोतवाल सहित भारी संख्या मे पुलिस व फायर सर्विस के जवान तथा एन सी सी के कैडेट व हजारो दर्शक मौजूद रहे लीला का मंचन व पात्रता पवन कुमार शुक्ला”व्यास”जी,महेन्द ठाकुर,शत्रोहन लाल,शुशील कुमार,पंकज मिश्रा,अशोक कुमार तथा हनुमानकी भूमिका बलदेव वैदिक इटर कालेज के छात्र तफज्जुल हुसेन ने निभाई आदि कलाकारो ने अपनी प्रतिभा दिखाई, रामलीला कमेट्री के पदाधिकारियो सहित हजारो श्री राम प्रेमी भक्त व दुकान दार तथा शहर वासी तथा बच्चे मौजूद रहे।
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