अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ धुले (महाराष्ट्र), NIT:
धुलिया शहर में डेंगू का प्रकोप जारी है। सिंधी कॉलोनी निवासी एक बालक की डेंगू की चपेट में आने से मौत हो गयी। बालक का उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा था।
मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख के डेंगू बुखार के मरीज नही के बराबर होने के दावे खोखले साबित हुए। गुरुवार को एक बालक को डेंगू ने चपेट में लेकर मौत के घाट उतार दिया है। मृतक के परिजनों ने शव को लेकर मनपा आयुक्त को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए शव को मनपा ले जाने वाले थे लेकिन पुलिस को आंदोलन की जानकारी प्राप्त होते ही मनपा परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इस दौरान मृतक के परिजनों को समझा कर समझौता किया गया।
कुमार नगर निवासी किशन राकेश रेलन 13 वर्षीय बालक को पिछले दिनों ते़ज बुखार आ गया। परिजन उसे प्राइवेट अस्पताल ले गए, जहाँ जाँच उपरान्त उसे डेंगू होने की पुष्टि कर दी गयी। 11 अक्टूबर गुरुवार को बालक की मौत हो गयी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोगलाई इलाके में 80 से 90 लोग डेंगू बुखार से पीड़ित हैं। अस्पतालों में ते़ज बुखार आने के मरी़जों की संख्या में ते़ज से वृद्धि हो रही है। कई को डेंगू बताया भी जा रहा है, तो कई का उपचार चल रहा है। साफ है कि डेंगू ते़जी से फैल रहा है। पिछले एक महीने में पांच हजार से अधिक मरी़ज डेंगू के पाए जाने के बाद भी मनपा प्रशासन के कानों पर जू तक नही रेंग रही हैं. गौरतलब हो कि शिवसेना ने गत दिनों महानगर आयुक्त सुधाकर देशमुख का घेराव कर डेंगू के विरुद्ध व्यापक स्तर पर व्यवस्था स्टाफ बढ़ाने की मांग की थी लेकिन प्रशासन अधिकारियों के आराम के लिए एयर कंडीशनर लगाने की मान्यता और बिलों को पास करने में स्थायी समिति व्यस्त होने का आरोप नागरिकों ने लगाया है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप से जहाँ नगर वासियों में हड़कम्प मच गया है वहीं मनपा स्वास्थ विभाग नागरिकों का जानी दुश्मन बना हुआ है, इस तरह की प्रतिक्रिया कुमार नगर मोगलाई परिसर के नागरिकों ने व्यक्त की है।
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