गणेश मौर्य, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
जिला चिकित्सालय का नाम सुनते ही आखिर क्यों लोगों की उम्मीदें टूट जाती हैं ? क्या वजह है कि जिला अस्पताल में इलाज कराने से लोग कतराते हैं? अंबेडकर नगर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों की जमीनी हकीकत किसी से छुपी नहीं है एक ना एक दिन हर किसी को दो-चार होना पड़ता है, जिला अस्पताल से जो तस्वीर सामने आई वो हैरान करने वाली है। ऐसे में सवाल उठता है, कि जब जिले के जिला अस्पताल के बड़े अस्पतालों में आधुनिक और सम्पूर्ण चिकित्सा व्यवस्थाएं ही मरीजों को तड़पा रही हैं, तो दूरस्थ क्षेत्रों, ग्रामीण इलाकों में क्या हालात होंगे। दर्द से कराहती रही महिला मगर डॉक्टर का कहना था कि बिना ओपीडी पर्ची के हम नहीं करेंगे इलाज जिला अस्पताल में भारी लापरवाही बरती जा रही है, मरीज के परिजनों ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर लगाया आरोप,
प्रेम मिश्रा, पुत्र स्वर्गीय ओम प्रकाश मिश्रा, निवासी ग्राम दुल्लापुर, पोस्ट सीहमई ने बताया कि अचानक हमारी माता की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी, जिसके उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया ,25 सितंबर 18 की दोपहर दर्द से कराहती रही माँ मगर डॉक्टरों को थोड़ा भी रहम नहीं आया डॉक्टर का कहना था बिना ओपी .डी पर्ची के हम नहीं करेंगे इलाज, परिजनों ने बोला कि ,हम पर्ची लेकर आ रहे हैं मगर पहले आप इलाज शुरू कीजिए लेकिन डॉक्टर ने एक ना सुनी। डॉक्टर और परिजनों में काफी बहस भी हुई, हाथापाई की भी नौबत आ गई,
जिला अस्पताल में भारी लापरवाही बरती जा रही है। अस्पताल में भले ही मरीज तड़पते रहते हैं लेकिन डॉक्टरों को कोई लेना-देना नहीं है। प्रेम मिश्रा का आरोप है कि घंटों तक अस्पताल में मां तड़पती रही मगर समय पर इलाज नहीं किया गया। अस्पताल की व्यवस्थाओं को देख कर पीड़ित ने जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा कि अगर 15 दिन के अंदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो हम आंदोलन कर चक्का जाम करेंगे। जिलाधिकारी ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।
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