पृथक विदर्भ राज्य के लिए अपने जीवन का हर क्षण समर्पित करने वाले ‘विदर्भ वीर’ जाम्बुवंतराव धोटे का निधन, पूरे विदर्भ में शोक की लहर  | New India Times

मकसूद अली, यवतमाल(महाराष्ट्र), NIT; ​पृथक विदर्भ राज्य के लिए अपने जीवन का हर क्षण समर्पित करने वाले ‘विदर्भ वीर’ जाम्बुवंतराव धोटे का निधन, पूरे विदर्भ में शोक की लहर  | New India Timesपृथक विदर्भ राज्य के लिए अपने जीवन का हर क्षण समर्पित करनेवाले ‘विदर्भ वीर’ जाम्बुवंतराव धोटे का शनिवार तड़के 3 बजे हार्ट अटैक से यवतमाल में निधन हो गया। रविवार को यवतमाल में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अपने जुझारु एवं संघर्षशील स्वभाव की वजह से उन्हें ‘विदर्भ का शेर’ और ‘विदर्भ वीर’ जैसी उपाधियों से नवाजा गया था।

जाम्बुवंतराव धोटे पांचवीं लोकसभा में नागपुर से सांसद निर्वाचित हुए थे। फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार के तौर पर वह निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 1980 में पुनः वह नागपुर से सांसद निर्वाचित हुए लेकिन इस बार कांग्रेस की टिकट पर। वह पांच बार यवतमाल से विधायक भी रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामाराव आदिक उनके श्वसुर हैं।​पृथक विदर्भ राज्य के लिए अपने जीवन का हर क्षण समर्पित करने वाले ‘विदर्भ वीर’ जाम्बुवंतराव धोटे का निधन, पूरे विदर्भ में शोक की लहर  | New India Timesकांग्रेस से अलग होकर 9 सितम्बर 2002 को जाम्बुवंतराव धोटे ने विदर्भ जनता कांग्रेस नामक नया राजनीतिक दल बनाया जो उनके आखिरी सांस तक पृथक विदर्भ राज्य के लिए संघर्षरत रहा।

विदर्भवीर जाम्बुवंतराव धोटे के अचानक हुए निधन से विदर्भ भर में शोक की लहर पसर गयी। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जाम्बुवंतराव भाऊ के जाने से उनका मार्गदर्शक चला गया है। मुत्तेमवार ने उनका जिक्र करते हुए बताया कि नेताओं के ख़राब वक़्त में भी भाऊ ने उन सभी का साथ दिया। उनकी छवि एक निडर नेता की थी। विदर्भ के लिए उनकी बेचैनी असाधारण थी। लोकनायक बापूजी अणे और बृजलाल बियाणी के बाद पृथक विदर्भ की ज्योति भाऊ ने ही जलाए रखी थी।

मुत्तेमवार ने बताया कि भाऊ की इच्छा थी कि पृथक विदर्भ के बाद ही वह इस दुनिया को अलविदा कहना चाहेंगे लेकिन उनका यह सपना अधूरा ही रह गया। उन्होंने बताया कि भाऊ के साथ उनके सम्बन्ध 50 वर्षों से थे। मुत्तेमवार ने कहा कि उनके राजनीतिक जीवन में भाऊ का काफी बड़ा सहयोग रहा है। वह मुझे अपना छोटा भाई समझते थे। मुत्तेमवार ने जाम्बुवंतराव धोटे को श्रद्धांजलि देकर उनके परिजनों को इस दुख से उबरने की शक्ति देने की प्रार्थना की।


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