अकोला जिला में वाहन चोरी की वारदातें पर नहीं लग पा रहा है अंकुश, कबाड़ियों पर कुछ पुलिस कर्मियों से सेटिंग कर चोरी की वाहनों को स्क्रेप में तब्दील करने का आरोप | New India Times

ओवेस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT; 

अकोला जिला में वाहन चोरी की वारदातें पर नहीं लग पा रहा है अंकुश, कबाड़ियों पर कुछ पुलिस कर्मियों से सेटिंग कर चोरी की वाहनों को स्क्रेप में तब्दील करने का आरोप | New India Times​अकोला जिले में वाहन चोरियों के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, आए दिन वाहन चोरी की वारदातें सामने आ रही हैं। कई चोरी की गाड़ियों का अब तक कोई सुराग नही लग पाया है। बताया जाता है कि इन गाडिय़ों को कबाड़ियों के हाथों बेच दिया गया है जो कबाड़ बन कर बिखर चुके हैं।​अकोला जिला में वाहन चोरी की वारदातें पर नहीं लग पा रहा है अंकुश, कबाड़ियों पर कुछ पुलिस कर्मियों से सेटिंग कर चोरी की वाहनों को स्क्रेप में तब्दील करने का आरोप | New India Timesसूत्रों की मानें तो अधिकतर कबाड़ी चोरी की वाहनों को स्क्रेप में तब्दील कर रहे है जिसकी वजह से कई चोरी गई गाड़ियों का सुराग नहीं लग पा रहा है। शहर से सटे राज्य महामार्ग विदर्भ से उत्तर महाराष्ट्र तक इन का नेटवर्क फैला हुआ है। राज्य महामार्ग एवं अन्य जिलों से वाहनें चोरी कर शहर में लाई जाती हैं एवं रातों रात इसके कलपुर्जे तोड़कर इन कबाडियोंको बेच दिए जाते हैं। कुछ कबाडियों एवं मोटर वाहन चोरों की एक चैन है, एक टोली गाडी चुरा कर लाती है एवं दूसरी टोली पुलिस के नाक के नीचे इसे कबाड़ में तब्दील करती है। सूत्रों का कहना है कि इस गोरखधंधे की जानकारी शहर के कुछ चुनिंदा पुलिस कर्मचारियों को भी है लेकिन वह इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। जानकारों का कहना है कि इस ओर नजरअंदाजी करने के एवज में इन पुलिस कर्मचारियों को मोटी रकम दी जाती है जिसकी वजह से चोरी गई हुई कई गाड़िया कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं।एक तरफ पुलिस अधीक्षक एवं शहर पुलिस अधीक्षक अपराधियों पर अंकुश लगाने का पूर्ण प्रयास कर रहे हैं तो वहीं कुछ पुलिस कर्मचारी इनके मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं। इन पर अपनी जेब भराई के चक्कर में अपराधियों को संरक्षण दिए जाने की भी चर्चाएं जारी हैं। अगर पुलिस कबाड़ का माल भर कर जाने वाली गाड़ियों एवं कबाडियों पर नजर रखे तथा संशयित कबाडियों की कड़ाई से जांच करे तो कई चोरी के मामलात उजागर हो सकते हैं, लेकिन पुलिस के कुछ कर्मचारी अपने आर्थिक लाभ को देखते हुए इस ओर अनदेखी कर रहे हैं। ၊  

इस संदर्भ में सूचना मिलते ही छापामार करवाई की जायेगी। जल्द ही एक दल का गठन कर इन कबाड़ियों पर नजर रखी जायेगी साथ ही जिस अधिकारी -कर्मचारी की इनसे सेटिंग पाई गई उसपर कड़ी करवाई की जाएगी। शहर के चोर एवं बदमाश पुलिस की रडार पर हैं। इन वाहन चोरों पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के किए शहर पुलिस प्रशासन मुस्तैद है: उमेश माने पाटिल, शहर पुलिस अधीक्षक

  • कबाड़ माल की जांच होना है जरूरी…

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में अधिकतर कबाडियों पर रेल्वे व अन्य चोरी की वस्तुएं खरीदने के अपराध दर्ज हैं। कई चोरी के आरोपी ऐसे भी हैं जिनके स्वयं या रिश्तेदारों की कबाड़ की दुकाने हैं। सूत्रों की मानें तो शहर के थानों के कुछ कर्मचारियों ने इन कबाडियों से सेटिंग की हुई है ताकि कोई करवाई न हो सके, जिसके सन्दर्भ में थाना निरीक्षक को जरा भी खबर नहीं है। यह खाकी की प्रतिमा मलिन करने वाले अपनी जेबें इन कबाडियों से खूब भर रहे हैं।

इस प्रकरण में जिस कर्मचारी की सेटिंग पाई जाएगी उसपर कड़ी करवाई होगी। परिसर के सभी कबाडियों की दुकानों की जांच की जाएगी, जो भी कबाड़ी अनाधिकृत रूप से गाड़ियों को कबाड़ में तब्दील करता पाया गया उस पर सख्त कानून करवाई होगी। हम कबाड़ के मामले को गम्भीरता से लेते हैं, सभी कबाडियों को निर्देश दिए जाएंगे कि कबाड़ का माल गाड़ियों में भरने से पूर्व थाने को सुचित किया जाए: अर जे भारसाकले, आकोट फाइल थाना इंचार्ज।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading