फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT;
रिमझिम बारिश में शहर एक बार फिर पानी-पानी हो गया। रास्ते डूब गए और गलियां-सड़कें नाले की शक्ल में नजर आने लगीं। शहर के कई निचले मोहल्लों और बस्तियों में भीषण जलभराव के कारण नागरिकों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह हालात बृहस्पतिवार की सुबह से शुरू हुई बारिश के बाद की है, हालांकि इसके बाद भी हल्की बूंदाबांदी काफी देर तक होती रही। इस हल्की हुई बारिश में चलने के लिए फुटपाथ या रास्ते नजर ही नहीं आ रहे थे, हर तरफ जलभराव और गंदा एवं कीचडय़ुक्त पानी दिखाई पड़ रहा था जिसमें से होकर ही लोग चलने को मजबूर हुए। सबसे ज्यादा दिक्कतें स्कूली बच्चों को हुई क्योंकि विद्यालयों के खुलने के समय पर पानी बरस रहा था, सड़कों-गलियों में जलभराव भी खूब था, ऐसे में अधिकांश स्कूली छात्र-छात्राएं बारिश में न सिर्फ भीग कर स्कूल पहुंचे बल्कि गंदे पानी में कपड़े खराब करते हुए काफी दिक्कतें भी झेलीं। शहर के वार्ड संख्या 19 ढ़पालीपुरवा में जलजमाव के कारण मोहल्लावासियों का निकलना दूभर हो गया। इस मोहल्ले की सड़क पर स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों की उदासीनता के चलते नागरिक कीचड़ में सनकर रास्ता तय कर रहे थे। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि विधायक, सांसद या अन्य जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनावी मौसम में दिखते हैं, जीत जाने के बाद तो उनके दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं। नागरिकों की समस्या से उनका कोई लेना देना नही रह जाता है। मोहल्ला निवासी आदित्य सोनी अंशू का कहना है कि जनप्रतिनिधि सिर्फ अपनी जरूरत पर जनता से वोट भीख की तरह मांगते हैं और विजयी होने के बाद जनता को रुलाते हैं। जीत हासिल हो जाने के बाद लग्जरी गाड़ियों में शीशे बन्द कर जनता से दूरी बना लेते हैं। नागरिकों की समस्याओं का उनसे कोई लेना देना नही होता है। एक अन्य निवासी ने बताया कि यदि 2019 से पहले गली की सड़क दुरुस्त नही कराई गई तो किसी भी राजनैतिक दल के नेताओं को मोहल्ले में घुसने नही दिया जाएगा।
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