सरवर खान ज़रीवाला, भोपाल, NIT;
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र में जोरों पर चल रहे रेत के अवैध उत्खनन मामले में सीहोर कलेक्टर पर गाज गिर सकती है।सीहोर कलेक्टर सुदाम खाड़े ने सोमवार को एनजीटी में नर्मदा में अवैध खनन के मामले में सुनवाई के दौरान नर्मदा से अवैध उत्खनन होने की बात स्वीकारी थी और उसे रोकने में असमर्थता दिखाई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 30 जनवरी को प्रदेश के सभी कलेक्टरों को अवैध खनन को सख्ती के साथ रोकने के आदेश दिए थे, इसके बाद भी अवै खनन पर अंकुश नहीं लग पाया है। याचिकाकर्ता विनायक परिहार की ओर से एनजीटी भोपाल में में वर्ष 2016 में नर्मदा में अवैध खनन को लेकर याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई के लिए सीहोर कलेक्टर सुदाम खाड़े, एसपी मनीष कथूरिया और खनिज अधिकारी एम ए खान रिपोर्ट के साथ पेश हुए थे। पेशी के दौरान कलेक्टर ने अपना जबाव प्रस्तुत किया। बताया जाता है कि इस दौरान जबाव में जो फाइल प्रस्तुत की गई है उसमें एक फोटो ऐसा लगा था जिसमें नदी में सीमेंट के पिलर पर बनाए प्लेट फार्म पर हो रहा अवैध उत्खनन दिखाई दे रहा था। इसे देख कहा गया कि जब सामने ही इस तरह से उत्खनन हो रहा है तो फिर कार्रवाई किस तरह हो रही होगी। कोर्ट ने जिम्मेदार खनिज अधिकारी पर भी कार्रवाई करने की बात कही है। वहीं कलेक्टर के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर एनजीटी ने खनिज अधिकारी एम ए खान को निलंबित करने के मौखिक आदेश देते हुए मंगलवार को दोबारा पेश होने के लिए कहा गया है। ध्यान योग्य बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के जो कलेक्टर NGT के सामने शपथ पत्र के साथ यह कहें कि मेरे जिले में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है, उसकी शैक्षणिक योग्यताओं, भारतीय संविधान के प्रति कटिबद्धता, निष्पक्ष कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह है। बावजूद उसके मुख्यमंत्री यह कहते नहीं थकते हैं कि म.प्र.के IAS दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं। ऐसे आईएएस अधिकारियों को तो उस IPS गौरव तिवारी के झूठे पानी से स्नान कराना चाहिए, जिन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ कथित ज़ीरो टॉलरेंस वाली नीति के क्रियान्वयन के चलते कटनी से तबादला कर दिया गया था।
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