अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; भोपाल को खुले में शौच एवं गन्दगी मुक्त घोषित करना शर्मनाक है क्योंकि भोपाल के गंभीर गैस पीड़ित क्षेत्र कैंची छोला की झुग्गियों में स्थित घर में शौचालय न होने के कारण 25 वर्षीय ओमप्रकाश का पैर ट्रैन से कट गया है।ओमप्रकाश के पिता के पास इलाज कराने के लिए गरीबी रेखा का राशन कार्ड तक नहीं है।
भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति की संयोजक साधना कार्णिक प्रधान ने NIT संवाददाता को बताया कि भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति ओमप्रकाश के पिता रामसिंह के राशन कार्ड बनाने एवं राहत राशि दिलवाने की प्रक्रिया में सहयोग कर रही है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शौचालय बनाने का ढिंढोरा पीटने वाली शिवराज -मोदी सरकार का कोई भी नुमाइंदा ओमप्रकाश की सुध लेने नही पंहुंचा है। भोपाल के हज़ारों झुग्गी वासी शौचालय हेतु नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं परंतु उनके शौचालय नहीं बनाये जा रहे हैं।
यह शर्मनाक है कि भोपाल की हज़ारो झुुग्गियों में शौचालय न होने के वावजूद दिल्ली से आई टीम द्वारा भोपाल को ” क्लीन ” ओडीएफ़ घोषित कर दिया गया है। अब किसी गरीब की झुग्गी में शौचालय न होने के बावजूद खुले में शौच करने पर उसे जेल की सजा दी जायेगी। ऐसा सिर्फ भोपाल के अमीरों के लिये बन रही स्मार्ट सिटी का बजट लेने हेतु किया गया है। भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति इसकी कड़ी निंदा करती है ।
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