फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT;
उत्तर प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश में बेहतर पुलिस व्यवस्था और कानून का राज स्थापित करने की दुहाई दे रही है लेकिन देखा जाये तो उत्तर प्रदेश पुलिस कानून का नहीं बल्कि अपना राज स्थापित करती हूई नज़र आ रही है। अपराधियों पर नकैल कसने के दावों को पूरा करने और अपनी पीठ थपथपाने के लिये यूपी पुलिस फ़र्ज़ी घटनाओं के खुलासे से भी गुरेज नहीं कर रही है। अपराधियों को पकड़ने के अपने दावों को सही साबित करने और अपना गुडवर्क दिखाने के चक्कर मे अगर यूपी पुलिस को गांव के किसी भी वयक्ति को पकड़ना और फ़र्ज़ी घटना दर्शा उसे सनसनीखेज तरीके से पेश करना पड़े तो पुलिस उससे भी पीछे नहीं हट रही है। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें रात्रि गश्त के दौरान पुलिस पर तीन लोगों द्वारा फायरिंग कर हमला करने और फिर तीनों अभियुक्तों को पकड़ने का खुलासा कर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन क्षेत्रीये ग्रामीणों ने पूरी घटना को फ़र्ज़ी बताते हुए पुलिसिया खुलासे की पोल खोल दी है।
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने कल दोपहर को दो अभियुक्तों को पुलिया के पास से और दो को गांव से पकड़ा था और उन्हें रस्सी से बांध कर ले गयी थी। जिनमें से पुलिस ने एक को छोड़ तीन के साथ यह फ़र्ज़ी घटना दर्शायी है। पुलिसिया खुलासे को खुद पुलिस की प्रेस रिलीज ही संदिग्ध कर रही है। हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है अभी दो दिन पहले पुलिस ने स्कूली छात्र को उसी की स्कूल के एंटी रोमियो स्क्वायड का शिकार बनाते हुए उस पर फ़र्ज़ी तरीके से मुकदमा कायम किया था जिसकी जानकारी पीड़ित को न्यूज़ पेपरों में निकली खबर से हूई थी। इससे साफ जाहिर है कि जब जनपद की पुलिस अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो जाती है तब वह फ़र्ज़ी खुलासों का सहारा लेकर अखबारों की सुर्खियां बंटोर अपनी हौसला अफजाई खुद ही कर लेती है।
ज्ञात हो कि जनपद के थाना रामगांव पुलिस ने एक सनसनीखेज प्रेस रिलीज जारी कर जनपद में सनसनी फैला दी। पुलिस ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि बीती रात जब थानाध्यक्ष ब्रह्मानन्द सिंह अपनी पुलिस टीम के साथ रात्रि गश्त वांछित अपराधियों की तलाश कर रहे थे और महोतन पुरवा चैराहा क्रास कर नौतला की तरफ जा रहे थे कि तभी गोविंदपुरा पुल के पास स्थित सुनसान स्थान पर उत्तरी तरफ झाड़ियों से तीन व्यक्ति एकाएक निकलकर पक्की सड़क पर आ गये पुलिस जीप का प्रकाश देख जान से मारने की नियत से पुलिस वालों पर फायर करने लगे पुलिस टीम ने बचते बचाते छिपते छिपाते गाड़ी की आड़ लेते हुए तीनों व्यक्तियों जिनमे बेहनन पुरवा दा0 मुकेरिया नवासी जाहिद पुत्र रज्जब, बेहनन पुरवा दा0 मुकेरिया नवासी मुस्तबा उर्फ लल्ली पुत्र असगर थाना रामगांव व उमरपुर दा0 बाला सराय थाना हरदी क्षेत्र निवासी जियाउल हक पुत्र सिराजुल हक़ को पकड़ लिया। जिनके पास से पुलिस ने एक नली देशी बन्दूक 12 बोर, एक तमंचा 315 बोर, दो तलवार, 11 जिंदा कारतूस 12 बोर, 3 खोखा 12 बोर व 4 जिंदा कारतूस 315 बोर बरामद कर पकड़े गए शातिर अभियुक्तों के विरुद्ध आई0पी0सी0 व आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा पंजिकृत कर जेल भेज दिया। पुलिस अपनी लिखी स्क्रिप्ट में यहीं फंस गई कि जब तीनो पकड़े गए अभियुक्त शातिर अपराधी थे तो झाड़ियों में छिपे रहने और पुलिस के सड़क पर गुज़रने के दौरान वो लोग पुलिस के सामने आकर फायरिंग क्यों करने लगे और पुलिस ने फायरिंग कर रहे तीनो अभियुक्तों को आसानी से कैसे पकड़ लिया। इसकी जानकारी जब लेने जब हम घटना वाली जगह पहुंचे और आस पास के गांव वालों से पूछा तो पुलिसिया स्क्रिप्ट की कलाई खुल गयी।
इस सम्बंध में जब हमने ग्रामीणों से बात की तो लोगों ने बताया कि इलाके में मुठभेड़ की कोई घटना हूई ही नहीं है यह मनगढ़ंत कहानी है। मुकेरिया निवासी दिनेश कहते हैं कि कल दोपहर करीब 2 बजे जब वह प्रधान जी के साथ फोरवीलर से आ रहे थे तब उन्होंने रास्ते मे पुलिस को दो लोगों को जिनमे जाहिद भी था को रस्सी से बांध कर ले जाते देखा था। उन्होंने बताया कि प्रधान जी ने पुलिस से पूछा भी था कि क्या उन लोगों ने कुछ किया है जो आप उन्हें बांध रहे हैं तब पुलिस ने कहा कि कुछ किया है तभी बांध रहे हैं। दिनेश से जब हमने मुठभेड़ के बारे में पूछा तो उनका साफ कहना था कि मुठभेड़ की कोई घटना नहीं हूई है और न ही रात में उन्होंने गोलियों के चलने की आवाज़ें सुनी हैं। वहीं बेहनन पुरवा निवासी शाहिद ने बताया कि पुलिस ने कल करीब 4 बजे शाम के समय गांव से ही मुस्तबा और जियाउल को पकड़ा था और जीप में बैठाल कर ले गयी थी उनका क्या कसूर था पुलिस ने यह नही बताया था उन्होंने भी मुठभेड़ की घटना होने से साफ इंकार किया। वहीं जाहिद के पुत्र जुनेद ने बताया कि पुलिस ने उसके पिता को कल दोपहर को भाई के गौने के लिये सामान लेने जाते समय रास्ते से पकड़ा था उस मासूम कक कहना है कि उसके पिता के पास से कुछ भी नहीं मिला पुलिस ने उसके पिता को फ़र्ज़ी फंसाया है। सवाल यह उठता है कि रात में गोलियों की तड़तड़ाहट आखिर ग्रामीणों को सुनाई क्यों नही दी और जब पुलिस ने इन तीनों अभियुक्तों सहित एक अन्य को कल दोपहर को पकड़ा था तो रात में इन लोगों ने फायरिंग कैसे कर दी पुलिस के ऊपर और वही पुलिस ने जब चार लोगों को पकड़ा तो फिर एक को छोड़ कैसे दिया और इन तीनों पर ही कार्यवाही क्यों की मामला जो भी हो पर पूरी घटना संदिग्ध प्रतीत होती है जिसकी आला अधिकारियों को जांच कराने की आवश्यकता है। क्यों गोलियों की तड़तड़ाहट रात्रि में ग्रामीणों को सुनाई क्यों नहीं दी।
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