मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
पुलिस अनुविभाग जुन्नारदेव के अंतर्गत पुलिस चौकी अंबाड़ा प्रभारी संजय सोनवानी ने बताया कि मर्ग क्रमांक 82/2025 धारा 194 BNSS एवं अपराध क्रमांक 389/2025 धारा 108 BNS के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मृतका लता मडवार, पति ब्रजेश मडवार (उम्र 40 वर्ष), निवासी गुढ़ी चौकी अंबाड़ा थाना जुन्नारदेव की मृत्यु 19 अक्टूबर 2025 को सल्फास की गोली खाने से हुई थी। मामले की जांच पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा के निर्देशन में की गई।
जांच में पता चला कि मृतका की सहेली शैफाली श्रीवास्तव उर्फ मयूरी, पिता सुनील श्रीवास्तव (उम्र 31 वर्ष), निवासी नंबर 3 अंबाड़ा, से पिछले 4–5 वर्षों से घनिष्ठ संबंध थे। पिछले 2–3 वर्षों में दोनों का मिलना-जुलना और घूमना-फिरना काफी बढ़ गया था।
मृतका के पति ब्रजेश मडवार को दोनों का व्यवहार पसंद नहीं था। उन्होंने लगभग एक साल पहले लता को मयूरी से दूर रहने की सलाह दी थी, क्योंकि मयूरी का आचरण उन्हें ठीक नहीं लगता था।
मयूरी के कहने पर लता ने सितंबर 2024 में अपने पति को घर से निकाल दिया था, जिसके बाद ब्रजेश अपने गांव अन्हाई (जिला नर्मदापुरम) चले गए और वहीं रहने लगे।
बाद में लता ने अपने रिश्तेदारों को बताया कि मयूरी उस पर लगातार दबाव बना रही है कि वह अपने पति और बच्चों को छोड़कर उसके साथ रहे।
मयूरी धमकी देती थी कि अगर लता ने ऐसा नहीं किया तो वह उसके घर आकर सबके सामने बदनाम कर देगी। मयूरी बार-बार लता से कहती थी कि, “तू मेरे साथ ही रहेगी, तेरे पति और बच्चों के साथ नहीं रहने दूंगी। तू मेरे साथ रह या फिर मर जाए।” इन हरकतों से लता काफी परेशान रहने लगी थी।
19 अक्टूबर 2025 को मयूरी ने परासिया में ड्यूटी के दौरान लता को दोपहर करीब 3 बजे फोन कर शॉपिंग के लिए बुलाया। वहां भी उसने लता को पति-बच्चों से अलग होकर अपने साथ रहने के लिए कहा और भाग जाने की बात कही।
लता के मना करने पर मयूरी ने अपने पास रखे सल्फास की दो डिब्बियां निकालीं — एक खुद रख ली और दूसरी लता को देते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने लगी। उदास होकर लता परासिया से अंबाड़ा लौटने लगी और रास्ते में सल्फास की गोली खा ली।
उसी दौरान मयूरी का फोन आया, तब लता ने बताया कि उसने जहर खा लिया है। इसके बाद मयूरी मौके पर पहुँची और लता को अस्पताल पहुँचाया, जहाँ उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
अंबाड़ा पुलिस चौकी टीम ने मामले की गंभीरता से जांच करते हुए आरोपी मयूरी श्रीवास्तव के खिलाफ अपराध दर्ज कर 30 अक्टूबर 2025 को उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया।
