भदोही के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गोपीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोपीगंज के अधीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही हेतु महानिदेशक को लिखा पत्र | New India Times

राहुल यादव, भदोही (यूपी), NIT; ​​भदोही के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गोपीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोपीगंज के अधीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही हेतु महानिदेशक को लिखा पत्र | New India Timesस्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज में नसबंदी के मामलों में लैब टैक्नीशियन के पारिश्रमिक भुगतान में अनियमितता सामने आयी हैं एडवोकेट आदर्श त्रिपाठी की शिकायत पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी भदोही के द्वारा कराए गए जांच में यह मामला सामने आयी थी।जिस पर आदर्श त्रिपाठी ने पूर्व में समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली के अन्तर्गत प्राप्त जनसूचना के आधार पर शिकायत कर आरोप लगाया था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज में नसबंदी केसो में लैब टेक्नीशियन व वार्ड ब्वाय के भुगतान में व्यापक तौर पर अनियमितता की गयी हैं। शिकायत पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी भदोही डाॅक्टर एस एम सहाय से जाॅच करायी गयी। जाॅच में पाया गया कि स्वास्थ्य केंद्र में तैनात लैब टेक्नीशियन को गत अप्रैल माह से 200 नसबंदी केसो के लिए कोई भुगतान नहीं किया गया है। अगले 200 केसो के लिए 15 रूपये व पुनः 200 केसो के लिए 5 रूपये की दर से भुगतान किया गया।जबकि वार्डब्वाय का भुगतान मानक से अधिक 15 रूपये की दर से किया गया।और भी अनेको अनियमितता के साथ-साथ एक ऐसे व्यक्ति के खाते में धनराशि का भुगतान कर दिया गया जो ना तो नियमित कर्मचारी हैं ना ही संविदा पर। जिस पर कई महिनो के उपरांत भी उक्त प्रकरण में संलिप्त लोगों पर कोई कार्यवाही न होने पर एडवोकेट आदर्श त्रिपाठी ने पुन: उक्त वित्तीय अनियमितता की शासन में शिकायत की जिसके परिप्रेक्ष्य में भदोही के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अधीक्षक गोपीगंज के विरूद्ध राज्य कर्मचारी सरकारी सेवा नियमावली 1956 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवायें लखनऊ को पत्र लिखा है, (गौरतलब् है कि चिकित्साधिकारी जनपद के द्वितीय श्रेणी के अधिकारी होने के कारण उन पर सीधा सीधा कार्यवाई नहीं किया जा सकता हैं) जिससे अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज के द्वितीय श्रेणी के अधिकारी हैं।जो भी हो सरकारी विभागों में ये खेल आम हो चूॅके हैं। सरकारी कर्मचारियों को पता नही कितना हेरीफेरी करने आता है? आखिर पहली ही शिकायत पर किसी के ऊपर कार्यवाही न करना विभाग की मिलीभगत को उजागर करता है। बारम्बार शिकायत करें तब जाकर कार्यवाही भी होती है तो बड़े सधे तरीके सेl क्या करेंगी सरकारें जहां के सभी नुमाइंदे बिके है और अपना दाम लगा रखे है, यदि सरकारी कर्मचारी या अधिकारी सही न्याय व कार्य नही करेंगें तो जनता का विश्वास शासन प्रशासन से उठ जायेगाl


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