नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

विकास की आड़ में कॉरपोरेट के हितों की रक्षा करने के लिए कर्ज़ में दिवालिया कर दिए गए महाराष्ट्र राज्य का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने 100 दिन का शीघ्र कृति कार्यक्रम इस प्रकार से चलाया की मानो कोई अदृश्य शक्ति अनुच्छेद 356 के प्रयोग से उनकी सरकार किसी भी समय बर्खास्त करने पर तुली है। 100 Day’s रिपोर्ट कार्ड में दो हिस्सों में बंटा इरिगेशन मंत्रालय बुरी तरह से फेल हो चुका है। कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के बाद NCP अजित पवार के नेता छगन भुजबल का नासिक का अभिभावक मंत्री बनना तय हो गया है। New India Times ने एक रिपोर्ट में इस ओर इशारा किया था कि नासिक में किसी नए भीड़ू को उतारा जाएगा। 2027 सिंहस्थ कुंभ के प्रबंधन की बात करे तो मुख्यमंत्री अथवा उनके करीबी मंत्री जयकुमार गोरे को ज़िम्मेदारी सौंपने पर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व विचार कर सकता है।

धूलिया रिश्वत कांड कहा है ED CBI :
धूलिया में एक सरकारी रेस्ट हाउस से 5 करोड़ 50 लाख रुपया बरामद किया गया है। शिवसेना UBT नेता अनिल गोटे ने बताया कि ये पैसा सरकारी कमेटी में शामिल विधायकों को रिश्वत के रूप में दिया जाना था। कमेटी प्रमुख अर्जुन खोतकर ने आरोप का खंडन किया है। लोग पूछ रहे हैं कि अब ED CBI इनकम टैक्स कहा चले गए हैं। पहली बार रिश्वत में दी जाने वाली कैश को रंगेहाथ पकड़ा गया है। शिवसेना UBT सांसद संजय राउत के फेसबुक पेज पर लिखे आशय को जनता के संज्ञान के लिए खबर में प्रकाशित कर रहे हैं। 2014 से अब तक गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस के निजाम में महाराष्ट्र में आर्थिक अपराध और कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। 2024 विधानसभा का आम चुनाव देवेन्द्र फडणवीस को सीएम फेस बनाकर लड़ा जाता तो नतीजे क्या होते ? इस पर भी बहस होनी चाहिए।
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