फैज़ान खान, गुरुग्राम/नई दिल्ली, NIT:
मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाईकोर्ट में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस विवाद में भीम सेना की एंट्री ने केंद्र तक को हिलाकर रख दिया है। भीम सेना के ऐलान ने मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार की नींद उड़ा दी है। सूत्रों की माने तो गृहमंत्री अमित शाह ने भीम सेना के ऐलान के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों भजनलाल शर्मा और डॉ० मोहन यादव से मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

भीम सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने बयान जारी करके चेतावनी दी है कि यदि ग्वालियर हाईकोर्ट में बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा नहीं लगेगी तो भीम सेना का यह ऐलान है कि राजस्थान के जयपुर हाईकोर्ट में भी मनु की प्रतिमा नहीं रहेगी। तंवर के ऐलान के बाद एमपी से राजस्थान तक सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गई है।

भीमसेना सुप्रीमो सतपाल तंवर ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि तुम्हारी माँ ने इतना दूध नहीं पिलाया और तुम्हारे बाप की इतनी औकात नहीं है जो तुम मध्य प्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट में हमारे मसीहा, हमारे भगवान परम पूज्य बाबा साहब अम्बेडकर जी की प्रतिमा लगाने से रोक सको। वे इतना में भी नहीं रुके बल्कि आगे बोलते हुए कहा कि जब तुम्हारे बाप-दादा की औकात नहीं थी कि वे भारत का संविधान लिख सकें तो एक दलित के बेटे, एक शूद्र के बेटे बाबा साहब डॉ० अम्बेडकर जी ने भारत का संविधान लिखा था।
सतपाल ने चेतावनी दी है कि मनुवादियों तुम अपनी औकात में रही और हमारे रास्ते में रोड़ा मत बनो तो तुम्हारी सेहत के लिए बेहतर होगा। भीमसेना प्रमुख सतपाल तंवर की इस एलानिया धमकी के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और राजस्थान के जयपुर हाईकोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा बलों द्वारा चप्पे-चप्पे पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
क्या है विवाद : हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब जातिगत तनाव में बदलता जा रहा है। सोशल मीडिया पर दोनों पक्ष से बयानबाजी और चेतावनी दी जा रही है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में जैसे ही बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने की चर्चा हुई वैसे ही विवाद ने जन्म ले लिया। बार एसोसिएशन मूर्ति लगाने को लेकर विरोध जता रही है। बार एसोसिएशन के मुताबिक हाईकोर्ट की सात सदस्यीय बिल्डिंग कमेटी ने भी परिसर में मूर्ति लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसके बावजूद डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायी वकीलों का एक गुट मूर्ति लेकर दो दिन पहले हाईकोर्ट पहुंच गया।
मूर्ति लगाने के पक्ष में वकीलों का कहना था कि उनके पास इजाजत है और 14 मई को मूर्ति की स्थापना होनी थी। धीरे-धीरे यह मूर्ति विवाद जातिगत तनाव में बदल गया है। अब मामले में भीम सेना भी कूद पड़ी है। इस विवाद में भीम सेना की एंट्री से मामला हाइप्रोफाइल हो गया। वहीं मध्य प्रदेश सरकार मामले पर सावधानी से विवाद शांत कराने में जुटी है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.