पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

मैं पंडित राजेश अग्निहोत्री भागवताचार्य निवासी मथुरा भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि इस धर्म युद्ध में जाने के लिए मुझे भी अनुमति दी जाए। अभी तक शास्त्रों के द्वारा लोगों में उत्साह भरने और उन्हें जागरूक करने का कार्य करता रहा हूं परन्तु अब हमारी रगों में खून खौल रहा है। इस समय मुझे लगता है कि शास्त्र और शस्त्र दोनों की अहम भूमिका है। जब धर्म की रक्षा करना हो तो उस समय शास्त्र की आवश्यकता होती है और जब राष्ट्र की रक्षा करनी हो तो उस समय शस्त्र की आवश्यकता होती है और मुझे लगता है कि इस समय शास्त्र से भी अधिक शस्त्र की आवश्यकता है। हम परशुराम भगवान के वंशज हैं यदि विद्या दान करना जानते हैं तो समय आने पर फरसा चलाना भी जानते हैं।
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