मोदी सरकार का हज पर वार, जयपुर, भोपाल समेत 12 शहरों से नहीं होंगी हज उड़ान
केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई नई हज नीति 2018-22 में व्याप्त विसंगतियों को लेकर अब सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की तैयारियां देवास से की जा रही हैं। हज नीति लागू करने के साथ ही इसकी अनेक खामियों को लेकर लोगों ने प्रारंभिक दौर में ही सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। देवास के कांग्रेस नेता शाहिद मोदी ने NIT सावांददाता से बात करते हुये कहा कि इन खामियों और कमियों को लेकर वे जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने जा रहे हैं।कांग्रेस नेता शाहिद मोदी का कहना है कि केन्द्र सरकार ने ऐसी नई हज नीति क्यों बनाई है यह बात समझ से परे है। देखना यह है कि जिन लोगों का इस बार हज पर जाने के लिए नम्बर कन्फर्म था उनके लिए अब सरकार क्या व्यवस्था करेगी? नई नीति में कई प्रावधानों में बदलाव किया जाना चाहिए क्योंकि हज पर जाने वाले लोगों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
इस साल हज पर जाने वालों के टूटे सपने
नई हज नीति से लगातार चार साल से आवेदन कर रहे लोगों के सपने पल-भर में टूट गए हैं। नई नीति में इस बात की सिफारिश की गई है कि 70 साल और वह लोग जो पिछले चार सालों से हज पर जाने के लिए आवेदन कर रहे थे उनको अब इस सुविधा से वंचित कर दिया गया है। इससे इस साल जिनका हज पर जाना तय था उन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। नई हज नीति में समुद्र के रास्ते पानी के जहाज से की जाने वाली यात्रा का प्रावधान दिया गया है। लेकिन जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वह ही हज कर सकता है। ऐसे में हज पर जाने वाले हवाई यात्रा की तुलना में इस व्यवस्था से कम प्रतिशत में जा पाएंगे।
सऊदी अरब में छूट मिलने में संदेह
मुस्लिम समाज की महिलाओं को इस आदेश का कोई लाभ मिलने को लेकर संशय बना हुआ है। उनका कहना है कि भारत में छूट तो मिली लेकिन सउदी अरब में इसे स्वीकार किया जाएगा कि नहीं इसे लेकर संशय है। नई हज नीति में 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को बिना महरम हज पर जाने की छूट मिलने के प्रस्ताव पर धर्मगुरूओं का कहना था कि बिना महरम के हज पर जाने की इजाजत धर्म नहीं देता है। सउदी अरब यहां के कानून को मान कर प्रवेश देगा यह संभव नहीं लगता है। कांग्रेस नेता मोदी ने बताया कि इसी तरह 70 साल से अधिक आयु के हज के इच्छुक और लगातार चार बार आवेदन करने वाले लोगों को अब तक वरीयता मिलती रही है, परंतु नई नीति में इसे भी समाप्त किया जा रहा है।
अधिक लगेगा इस साल किराया
राज्य हज कमेटी के कार्यपालन अधिकारी दाउद खान के अनुसार हज यात्रियों को सऊदी अरब के मक्का व मदीना की जिन होटलों व अन्य भवनों में ठहराया जाएगा, वहां का किराया भी इस वर्ष अधिक लगेगा। हज यात्रियों को जो परिवहन सेवा उपलब्ध कराई जाएगी, उसका भी अधिक किराया होने की आशंका है। खर्च बढ़ने से आॅल इंडिया हज कमेटी चिंतित है। उसका मानना है कि हज यात्रा महंगी होती गई तो गरीब व मध्यम वर्ग के लोग हज यात्रा से वंचित रह सकते हैं।
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