पंकज शर्मा, ब्यूरो चीफ, धार (म.प्र.), NIT:
धार जिले के तिरला में इस बार पहले से ही सोयाबीन का उत्पादन बहुत कम आया। जिससे किसानों को मुनाफा तो ठीक फसल में किया गया खर्च भी नहीं मिल पाया। वहीं पिछले 7 दिनों से हुई बारिश में कई किसानों की फसल नष्ट हो गई। कई किसान तो खेत से सोयाबीन की फसल भी घर नहीं ला सके उनकी फसल भारी बारिश के चलते खेत में ही रह गई। ऐसे में किसानों की मांग पर सर्वे लिए बुधवार को नुकसानी का सर्वे के लिए टीम आई और जिसमें पटवारी पवन यादव, ग्राम सेवक अनिता परमार एवं किसानों के साथ खेतों में जाकर सर्वे किया गया।
जहां पर किसानों की फसल में 85 प्रतिशत से अधिक नुकसानी पाई गई और अधिकारियों द्वारा पंचनामा बनाया गया। मौके पर फसल बीमा कंपनी के अधिकारी अमरजीत जायसवाल को भी बुलाया गया। नुकसानी सामने देखते हुए भी बीमा कंपनी के अधिकारी द्वारा पटवारी एवं ग्राम सेवक द्वारा बनाए गए पंचनामे पर हस्ताक्षर नहीं किए गए। जिससे किसान आक्रोशित दिखे। फसल में नुकसानी का मौका मुआयना करते अधिकारी,जिन किसानों ने जनसुनवाई में आवेदन किया उन किसानों का सर्व करवा कर मुआवजा दिया जाए।
अमोल पाटीदार जिला मंत्री भारतीय किसान संघ
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