त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
मध्यप्रदेश के सागर जिले की तहसील देवरी के ग्राम पंचायत सिलारी में भाजपा की मोहन यादव सरकार मैं ग्रामीण जन को सचिव की लापरवाही से कोई भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है वही ग्राम पंचायत मैं जर्जर सड़क, पानी की भारी समस्या बनी हुई है वही ग्रामीण जन पंचायत के सचिव दिनेश पारासर पर गम्भीर आरोप लगा रहे हैं की सचिव गाली देकर अभद्रता में बात करता है एवं ग्राम पंचायत में साल भर में दो बार नजर आते हैं। वर्तमान में ग्रामीण जन के. बाई. सी. करने के सचिव सह सचिव सरपंच को ग्राम पंचायत स्तर पर शासन के निर्देश है की ग्राम पंचायत के हर एक व्यक्ति की केवाईसी घर-घर जाकर या पंचायत में बैठ के करें जिसके बाद भी सचिव लापरवाही बरत रहे हैं।
बड़ी बात तो तब हो गई जब ग्रामीणजन में अधिकतर लोगों ने कहा की पंचायत में सचिव को देखा भी नहीं कभी पंचायत या ग्राम में नज़र भी नहीं आते हैं वही दिन मंगलवार को जनसुनवाई के दिन भी पंचायत बंद थी जिसको लेकर भी ग्रामीणों द्वारा बंद पंचायत भवन के सामने दिन भर सचिव का इंतज़ार किया जब जनपद सदस्य बीरेंद्र लोधी को ग्रामीणों ने फोन कर मोके पर बुलाया तो जनपद सदस्य द्वारा ग्राम पंचायत सचिव दिनेश पारासर को फोन किया ओर कहा की पंचायत भवन के यहां ग्रामीण आपका इंतज़ार कर रहे हैं आप पंचायत का ताला खुलवा दें तो पंचायत के सचिव दबंग टोंन में बोले की पंचायत भवन का आज तो ताला नहीं खुलेगा जिससे खुलवाना खुलवा सकते हैं और ग्रामीणों को भी फोन पर ही गाली दी तो ग्रामीणों द्वारा जनपद सदस्य के साथ सचिव के खिलाफ प्रर्दशन करने के बाद पंचायत मंत्री पहलाद पटेल सागर कलेक्टर देवरी एसडीम जनपद सीईओ आदि को लिखित शिकायत की थी।
जिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जनपद पंचायत के सीईओ मनीषा चतुर्वेदी ने पंचायत सचिव दिनेश पारासर की इस हरकत एवं लापरवाही को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था वही देवरी एसडीएम भव्या त्रिपाठी इस पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए जनपद सीईओ से सचिव पर लापरवाही पर कार्यवाही के सम्बन्ध में प्रतिवेदन मांगा गया था जिसके बाद एस डी एम द्वारा पंचायत सचिव पर निलंबन की कार्रवाई को लेकर जिला पंचायत सीईओ को पत्र भेजा गया है। अब आगे देखते हैं कि इस पंचायत सचिव पर शासन प्रशासन के अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं या पूरे मामले को दबाकर पंचायत सचिव को बचाने के लिए नोटिस बस की कार्रवाई से ही दिखावा करते हैं।
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