रफीक़ आलम, दमुआ/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
पूर्व न्यायाधीश रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पसमांदा मुस्लिम समाज की स्थिति आदिवासी हरिजन दलित से भी दयनीय है। इस समाज की आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक स्थिति बद से बदत्तर है। इसे देश की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संविधान की धारा 341 में लगाई गई आरक्षण की रोक को समाप्त कर मुस्लिम पसमांदा को आरक्षण दिया जाना चाहिए। उपरोक्त उद्बोधन सेवा निवृत प्राचार्य साबिर अली ने व्यक्त करते हुए आगे कहा कि सरकार अध्यादेश लाकर विभिन्न राज्यों में पसमंदा मुस्लिम समाज की स्थिति अनुसार इसे लागू कर सकती है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में मुस्लिम जनसंख्या का 85% मुस्लिम पसमांदा में आता है। जो बहुत पिछड़ा हुआ है इसकी तरक्की के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने उद्बोधन में अनेकों बार उल्लेख किया है।
उपरोक्त कार्यक्रम पसमांदा मुस्लिम पर परिचर्चा एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन मदरसा मोहम्मदिया जुन्नारदेव में किया गया था। जिसमें नगर के शासकीय नंदलाल सूद स्कूल, पंडित रविशंकर स्कूल एवं मदरसा मोहम्मदिया के विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। इसके समापन पर विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला छिंदवाड़ा के पसमांदा जिला अध्यक्ष आरिफ शाह ने अपने उद्बोधन में मुस्लिम समाज को अच्छी शिक्षा ग्रहण करने के साथ अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में मुस्लिम पसमांदा पदाधिकारी गय्यूर मंसूरी सिंगोड़ी अशफाक खान अमरवाड़ा, जीएस खान रफीक आलम अफरोज आलम शकील खान मौलाना मोहम्मद आबिद हाफिज साजिद हाफिज अहरार सहित अन्य गणमान्य नागरिक मदरसा मोहम्मदिया समस्त टीचिंग स्टाफ एवं छात्र-छात्राएं एवं पलक गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का मंच संचालन मोहम्मद ताहिर ने किया।
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