पीयूष मिश्रा / अश्वनी मिश्रा, छपारा-सिवनी (मप्र), NIT; प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत छपारा में भ्रष्टाचार और घोटाले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला 14 वें वित्त आयोग की राशि से मुरमीकरण और समतलीकरण के नाम पर फर्जी बिल बाउचर लगाकर 1 लाख 47 हजार 900 रूपये भुगतान करने का मामला प्रकाश में आया है।
उल्लेखनीय है कि छपारा ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती पूनम सैयाम और सचिव प्रकाश भलावी की जुगलबंदी के चलते ग्राम पंचायत छपारा में लाखों रुपए की भ्रष्टाचार की होली खेले जाने का आरोप लगाया जा रहा है। छपारा पंचायत के सरपंच सचिव की जुगलबंदी में पूरा साथ आरईएस विभाग में पदस्थ उपयंत्री भी निभा रहे हैं, उक्त तीनों की तिगड़ी की मिलीभगत पर मुरम समतलीकरण के नाम पर 14वें वित्त आयोग की राशि से क्रमशः 4 बिल नंबर 1338 1339 1340 1341 दिनांक 14 जून 2017 को दर्शाया जाकर इसका भुगतान एक ही एपीएन नंबर 1214730 से दिनांक 4 अगस्त 2017 को भुगतान राशि 44 हजार 6 सौ 25 रुपये, 47 हजार 6 सौ रुपये, 38 हजार 6 सौ 75 रूपये और 17 हजार रुपये इस तरह कुल 1 लाख 47 हजार 900 रूपये संबंधित फर्म को भुगतान कर दिए जाते हैं लेकिन सवाल यह है कि इतनी बड़ी राशि का भुगतान क्रमशः 1 दिनांक और एपीएन नंबर भी एक ही होने तथा भुगतान दिनांक भी एक ही दिनांक पर किया जाना अनेक शंकाओं को जन्म देता है।
छपारा ग्राम पंचायत के विभागीय सूत्रों सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार 14वें वित्त आयोग की 1 लाख 47 हजार 900 सौ रूपये राशि की बंदरबांट सरपंच सचिव और उपयंत्री के बीच ही सिमट गई सूत्रों ने यह भी बताया कि मुरम समतलीकरण के नाम पर छपारा ग्राम पंचायत के किसी भी वार्ड में संबंधित दिनांक को कोई कार्य नहीं करवाया गया है और ना ही इस संबंध में छपारा पंचायत के किसी भी वार्ड पंच को कोई जानकारी है।
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