9 साल की उम्र में नूर मोहम्मद ने रखा पहला रोज़ा | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

9 साल की उम्र में नूर मोहम्मद ने रखा पहला रोज़ा | New India Times

इस्लाम धर्म पांच बुनियादी सिद्धांतों/स्तंभों पर आधारित है। सर्व प्रथम एक अल्लाह को मनाना, 05 वक्त की नमाज़ क़ायम करना, रमज़ान माह के फर्ज़ रोज़े रखना, ज़कात और हज। सभी मुस्लिम समाजजन उपरोक्त 5 बुनियादी सिद्धांतों के अनुसार अपने बच्चों को इस्लाम की धार्मिक शिक्षा प्रदान करके संस्कारित करते हैं। छोटी उम्र में बच्चों को बुनियादी धार्मिक शिक्षा से संस्कारित करने के लिए रोज़े नमाज़ की पाबंदी सिखाई जाती है। बुरहानपुर के मध्य रेलवे स्टेशन पर कार्यरत की चीफ़ टिकट इंस्पेक्टर शकील अहमद सिद्दीक़ी एवं बुरहानपुर की प्रख्यात समाज सेविका एवं जायंट्स सहेली ग्रुप ऑफ़ बुरहानपुर की सदस्य इशरत शकील सिद्दीक़ी मदनी, अपनी सामाजिक गतिविधियों को नियमित रूप से संचालित करने के साथ घर में बच्चों को भी आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा से संस्कारित करके बच्चों को गुणवान बनाने में भी महत्व भूमिका निभा रहे हैं। इनके एक सुपुत्र नूर मोहम्मद ने 09 साल की उम्र में पहला रोज़ा रखा। इस अवसर पर परिवार के सदस्यों ने उसकी हौसला अफ़ज़ाई करते हुए पुष्प माला से उसका स्वागत किया और उसे अपनी नेक दुआओं से नवाज़ा। दुआ है कि अल्लाह इस बच्चे नूर मोहम्मद को दीन की सच्ची समझ अता फरमाए और दुनिया और आखिरत दोनों जगह कामयाबी, कामरानी और सर बुलंदी अता फरमाए। आमीन सुम्मा आमीन।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading