अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
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मध्य प्रदेश में संचालित कई नर्सिंग कॉलेजों में कमियां पाई गई हैं। नर्सिंग फर्जीवाड़े को लेकर हुई सीबीआई जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 73 नर्सिंग कॉलेज मानकों पर खरे नहीं उतरे, वहीं 66 नर्सिंग कॉलेज नर्सिंग के लिए पूर्णतः अयोग्य हैं।
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दरअसल, नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े मामले में ग्वालियर हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच के आदेश दिए थे इनमें से 308 कॉलेज की जांच सीबीआई द्वारा की गई। 56 नर्सिंग कॉलेज की जांच के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखा है। CBI की सीलबंद रिपोर्ट 12 फरवरी को हाई कोर्ट में खोली गई थी। इस जांच में 169 नर्सिंग कॉलेज सभी मापदंडों पर पात्र पाए गए हैं, वहीं 73 नर्सिंग कॉलेज मानकों पर खरे नहीं उतरे तो वहीं 66 नर्सिंग कॉलेज अयोग्य करार दिए गए हैं।
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नर्सिंग महाघोटाले के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार ने सीबीआई रिपोर्ट के हवाले से कहा कि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज, बीएमएचआरसी सहित 9 शासकीय नर्सिंग कालेजों में कई कमियां पाई गई हैं। वहीं रीवा का शासकीय नर्सिंग कॉलेज चलाने की स्थिति में नहीं हैं। परमार ने कहा कि आखिर मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार लाखों नर्सिंग छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ क्यों खिलवाड़ कर रही है।
रवि परमार ने मांग करते हुए कहा कि जिन नर्सिंग कॉलेजों में कमियां पाई गई और जिन कॉलेजों को अयोग्य करार दिया गया है उन कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारी सहित निरीक्षण करने वाली कमेटी के सभी सदस्यों पर तत्काल कार्रवाई हो। परमार ने कहा कि आखिर फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देकर लाखों नर्सिंग छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कैसे कोई कर सकता है।
परमार ने यह भी मांग कि है कि जो नर्सिंग कॉलेज चलाने योग्य नहीं वहां अध्ययनरत छात्र छात्राओं को योग्य कालेज में स्थांतरित कर तत्काल 4 साल से रूकी परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिया जाए। बता दें कि एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार नर्सिंग कालेज फर्जीवाड़े को लेकर काफी समय से आंदोलन व धरना प्रदर्शन कर रहे थे।
मध्य प्रदेश पुलिस ने नर्सिंग कॉलेज के घोटाले के खिलाफ आवाज़ उठाने पर छात्र नेता रवि परमार के साथ कई नर्सिंग छात्र छात्राओं पर मुकदमें भी दर्ज किए थे। छात्र नेता रवि परमार को जेल भी भेज दिया गया था। बहरहाल, सीबीआई जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद परमार ने कहा कि हमारी लड़ाई में यह मील का पत्थर है। नर्सिंग स्टूडेंट्स की आवाज उठाने के लिए मुझे तरह तरह की यातनाएं दी गई। अब बारी नर्सिंग फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की है। साथ ही हम आशा करते हैं कि राज्य सरकार प्रभावित स्टूडेंट्स के हक में भी फैसला लेगी।
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