पावर लूम बुनकर उद्योग मंदी का शिकार, सांसद की तवज्जो की ज़रूरत | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

पावर लूम बुनकर उद्योग मंदी का शिकार, सांसद की तवज्जो की ज़रूरत | New India Times

बुरहानपुर की पावरलूम इंडस्ट्रीज इन दिनों लगभग दो माह के अरसे से भयानक मंदी के दौर से गुज़र रही है। पावरलूम इंडस्ट्री से जुड़े बुनकर मज़दूर व्यापारी मारवाड़ी सभी इस मंदी से परेशान नज़र आ रहे हैं। मंडी के कारण साथ ही केंद्र शासन की नई नीतियों से ग्रसित होने के कारण टेक्सटाइल संचालकों ने बुनकर समाज को दिए जाने वाला जॉब मटेरियल आधा कर दिया है और कई जगह एक पाली में काम संचालित हो रहा है। बुनकरों को मिलने वाली पाक्षिक पगार भी परिस्थितियों के कारण विलंब से मिल रही है। इन दिनों बुनकर समाज अत्यंत विकट परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं। नगर के निर्वाचित एवं जागरूक जन प्रतिनिधिगण किसानों की आवाज़ तो प्रभावशाली ढंग से उठाते हैं लेकिन बुनकरों की आवाज़ नहीं उठा पाते हैं। वहीं क्षेत्रीय सांसद जिन्होंने खेती किसानी के साथ-साथ अपने आप को पावर लूम का नुमाइंदा बता कर मध्य प्रदेश की शीर्ष पावरलूम फेडरेशन का अध्यक्ष पद धारण किया और जिसके बल पर राजनीति में उन्होंने बड़ा मक़ाम हासिल किया। वह भी आज पावर लूम की समस्याओं को डबल इंजन की सरकार के समक्ष उठा पाने में असमर्थ दिखाई देते हैं। यह बुनकर समाज का बहुत बड़ा अलमिया है।


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