बनाना फेस्टिवल के दूसरे एवं अन्तिम दिन क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित हुए? जानिए विस्तार से | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

बनाना फेस्टिवल के दूसरे एवं अन्तिम दिन क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित हुए? जानिए विस्तार से | New India Times

बुरहानपुर में 20 और 21 फरवरी 2024 को दो दिवसीय बनाना एवं हल्दी फेस्टिवल का शानदार आयोजन बुरहानपुर कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल की निगरानी और नेतृत्व में संपन्न हुआ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस आयोजन की प्रशंसा की है।

इस आयोजन में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में बुरहानपुर विधायिका मोहतरमा अर्चना चिटनिस दीदी एवं क्षेत्रीय सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की भी महत्व भूमिका रही। बनाना फेस्टिवल में सहभागिता करने आए अतिथियों को केले के रेशे से बने उत्पाद भेंट किए गए। उन्हें केले के रेशे से बनी डायरी, पेन, पेंसिल, लिफाफा व फोल्डर दिए गए।

बनाना फेस्टिवल के तहत आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में द्वितीय दिवस जिले में हेरीटेज वॉक आयोजित रही। इसका उद्देश्य बुरहानपुर इतिहास को करीब से रू-ब-रू कराना रहा। हेरीटेज वॉक शनवारा से होते हुए शाही किले पर समाप्त हुई। इस अवसर पर फेस्टिवल में बाहर से आए अतिथियों एवं स्कूली विद्यार्थियों को बुरहानपुर की प्रसिद्ध मावा जलेबी और मांडा रोटी भी दिखाई गई, जो कि उन्हें बहुत पसंद आई। वहीं अतिथियों ने बुरहानपुर जिले के पर्यटन स्थलों को भी करीब से देखा।

बनाना फेस्टिवल-2024 अंतर्गत द्वितीय दिवस पर किसान संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विषय-विशेषज्ञों द्वारा कृषकगणों को आवश्यक जानकारी दी गई। संगोष्ठी में बताया गया कि, केले के रेशे से बना कागज आम कागज के मुकाबले ज्यादा लम्बे समय तक चलता है। आने वाले समय में केले के रेशे से बनी साड़ियाँ भी लोकप्रियता का केन्द्र बनेंगी। जिनका निर्यात करके भी हम अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, इसमें महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की ओर अपने कदम बढ़ा सकेंगी।  वैज्ञानिक श्री के.एन. शिवा ने कहा कि, बुरहानपुर केले की खदान है, यह केले के पत्ते का अच्छा मार्केट बन सकता है। संगोष्ठी में केला फसल पर लगने वाले वायरस के बचाव के लिए जागरूक किया गया एवं आवश्यक बातें बतलाई गई।


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