गोदा घाट पर गंदगी का अंबार, ढहने की कगार पर है टीले पर बसे मकान, भैरव बाबा मंदिर के नवीनिकरण की मांग | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

गोदा घाट पर गंदगी का अंबार, ढहने की कगार पर है टीले पर बसे मकान, भैरव बाबा मंदिर के नवीनिकरण की मांग | New India Times

अमृत की बूंदों से पुनीत कुंभ भूमी नासिक हिंदुओं की संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थान है। सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा सरकारी खज़ाने से हजारों करोड़ रुपए आबंटित कर कुंभ का प्रबंधन किया जाता आ रहा है। हमने पंचवटी गोदाघाट के विषय पर एक स्टोरी लगाई थी जिसमें बुनियादी सुविधाओं की बदहाली बयां की गई थी। 2015 नासिक सिंहस्थ कुंभ पर खर्च किया गया। 800 करोड़ रुपया कहा गया इस पर हमने जनता का ध्यानाकर्षित किया। स्वच्छ भारत अभियान नासिक में फेल हो चुका है, पंचवटी में हर रोज़ होते धार्मिक कर्मकांड से निर्मित निर्माल्य पर प्रक्रिया करना तो दूर इस निर्माल्य को ठीक से उठाया तक नहीं जाता है।

गोदा घाट पर गंदगी का अंबार, ढहने की कगार पर है टीले पर बसे मकान, भैरव बाबा मंदिर के नवीनिकरण की मांग | New India Times

सफ़ाई के नाम पर दिनभर झाड़ू चलता है और कचरा घाट के किनारे जमा होता है। औरंगाबाद नाका से आप नासिक रोड निकलते हो तब सामने नज़र आते नदी किनारे टीले पर बसे गरीबों के कच्चे मकान ढहने लगे है कई मकान गिर चुके हैं। सीमेंट कांक्रीट से बनाए गए गोदा घाट में जगह जगह पर जो गड्ढे हैं वह फ़ोटोग्राफ़र के हुनर को चुनौती देते हैं। महानगर पालिका के साइन बोर्ड पर लिखी अंग्रेजी फिल्म डंकी के जीतू गुलाटी को शर्मिंदा करती है। नदी के प्रवाह को रोक कर पर्यटन के नाम पर चलाई जा रही नाव 800 करोड़ से किए गए आधुनिक विकास की एकमात्र निशानी है।

गोदा घाट पर गंदगी का अंबार, ढहने की कगार पर है टीले पर बसे मकान, भैरव बाबा मंदिर के नवीनिकरण की मांग | New India Times

भैरव बाबा मंदिर वास्तु को असुरक्षित घोषित करने के बाद इस मंदिर का तत्काल पुनः निर्माण कराने के बजाय किसी अप्रिय घटना की बाट जोहती जा रही है। 2015 कुंभ में कराए गए शानदार विकास के बाद राज्य की गैर कानूनी सरकार में बैठे परम प्रमाणिक नेताओं ने 2026-27 के आगामी कुंभ के लिए आर्थिक तैयारिया तेज कर दी है। प्रभु श्री राम के पद स्पर्श से पावन पुण्य भूमी नासिक को मनुष्य प्राणी द्वारा जाने अनजाने किए गए पापों की पापक्षालना के लिए जाना जाता है। सात्विक नागरिकों को इस पहलू से संयमित रूप से न्याय प्रार्थी होना चाहिए क्योंकि भारत में रामराज्य आरंभ हो चुका है।


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