रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, इंदौर (मप्र), NIT:
खरगोन बहुप्रतीक्षित खंडवा-धार वाया खरगोन रेल लाइन के सर्वे को स्वीकृति मिली है। ताप्ती नर्मदा रेलवे लाइन समिति की ओर से यह जानकारी दी गई है। समिति के अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल ने बताया कि उन्हें सेंट्रल रेलवे कार्यालय से पत्र प्राप्त हुआ। इसमें उल्लेख किया गया है कि रेलवे बोर्ड द्वारा 19 जुलाई 2019 को खंडवा-धार वाया खरगोन 260 किलोमीटर के बीच नई लाइन के आरईसीटी सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी गई है।
प्रतिनिधि मंडल ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से दिल्ली में मुलाकात की थी। आरईसीटी का काम एक संक्षिप्त अनुमान के साथ पूरा हो चुका है। 5689 करोड़ रुपए का अनुमान है। अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने रेलवे लाइन की मांग को लेकर गत दिनों सांसद गजेंद्र पटेल के साथ प्रतिनिधि मंडल ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से दिल्ली
में मुलाकात की थी। इस दौरान मंत्री ने कहा था कि खंडवा से धार वाया खरगोन-बड़वानी नवीन रेल मार्ग की सौगात बहुत जल्द मिलेगी। क्योंकि रेल की सुविधा हमारी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और हम चाहते हैं कि जैसे प्रधानमंत्री सड़क योजना गांव गांव तक पहुंची है।
वैसे ही हम चाहते हैं कि देश के प्रत्येक कस्बे रेल लाइन से कनेक्ट किए जाए।
समिति लगातार कर रही है नागरिकों के साथ प्रदर्शन
रेल समिति लंबे समय से नागरिकों के साथ प्रदर्शन कर रही है। खंडवा, भीकनगांव, खरगोन, बड़वानी होते हुए धार तक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यह विकास में पिछड़े हुए जिले हैं। रेलवे विहीन होने से यहां बेरोज़गारी भी है। क्षेत्र में गेहूं, कपास, सोयाबीन, मिर्च, गन्ना बहुतायत में पैदा होता है। रासायनिक खाद की रेलवे रैक खंडवा रेलवे स्टेशन पर खाली होने से दूर दराज इलाके में किसानों को समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पाती है। रेलवे सेवा नहीं होने से आदिवासी बाहुल्य जिलों में उद्योग नहीं खुलने से बेरोज़गारी पर खाली होने से दूर दराज इलाके में किसानों को समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पाती है। रेलवे सेवा नहीं होने से आदिवासी बाहुल्य जिलों में उद्योग नहीं खुलने से बेरोज़गारी बढ़ी है। लोगों को रोज़गार के लिए पलायन करना पड़ रहा है। इन्हीं मांगों को लेकर नागरिक लंबे समय से रेलवे लाइन की मांग कर रहे हैं।
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