ज़फ़र खान, अकोट/अकोला (महाराष्ट्र), NIT:
जी हां आज कल जन्म दिवस मनाने का प्रचलन काफी गर्माता नज़र आ रहा है कुछ लोग अपने आप को बड़ा बनाने के लिए मात्र 150 रुपए का केक बीच रास्ते पर काटते हैं और बड़े बड़े सोंग स्टेट्स वा बड़े आज भाऊ का बाप तो बाप रहेगा जैसे सोंग WhatsApp इंस्टाग्राम पर रखते हैं तो कुछ छोटे मोटे झुटी शान के इंस्टाग्राम एक्टर से 100, 200 रुपए की एड देकर शुभकामनाएं बुलवाते हैं
अब तो अक्सर यह देखा जा रहा है की कुछ पार्टी के कार्यकर्ता अपने लीडर का जन्म दिवस भी वार्डों में एक केक काट कर माना रहे हैं।
किंतु आज हमने ऐसे शख्स को देखा है जिसने अपना जन्म दिवस कुछ अलग तरीके से मना कर यह साबित करा दिया है की जन्म दिवस इसी तरह मानाना चाहिए।
जी हां आज हम उस शख्स की बात कर रहे हैं जो किसी तारीफ का मोहताज नहीं हैं और जिस को अकोला जिला भर में लोग बा खूबी जानते हैं जो अपने में ही एक बेहतरीन कार्य करता है।
जी हां अकोट शहर के माझी नगर अध्यक्ष रामचंद्र बरेठिया
ने अपना जन्म दिवस ऐसे अंदाज में मनाया की जिस की मनोकामना हम कर भी नहीं सकते। वैसे तो अकोट शहर वासियों को जैसे ही पता चला की रामचंद्र बरेठिया का जन्म दिवस है तो कई बुजुर्ग, युवाओं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने वा कई उद्योग पतियों ने अकोट शहर के चौंक चोहराहों पर जन्म दिवस के शुभकामनाओं के बैनर लगा दिए और देखते ही देखते शहर वा ग्रामीण इलाकों के बूढ़े युवा वा हर समाज के लोग रामचंद्र बरेटिया को जन्म दिवस की शुभकामनाएं देने उनके घर पहुंच गए तो कुछ करीबी दोस्तों ने मिउजिक का प्रोग्राम रखा बस देखते ही देखते फूलों के ढिगार तो कहीं गुलदस्तों की बौछार तो कई गिफ्टों की बरसात ने घर को चका चोन कर दिया।
किंतु रामचंद्र बरेठिया का दिल कुछ और ही चाहता ता था इतने लोगों के बीच भी रामचंद्र बरेटिया को कुछ तो कमी। महसूस होती दिखी दी और इसी समय में से अपना समय निकाल कर नगर पालिका 1 स्कूल में जाकर सेकंड क्लास के छोटे बच्चों को बुक पेन, पेंसिल, रबर वा कलर के पैकेट बाट कर अपना जन्म दिवस मनाया।
जिसे देख आज यह समझ में आया की बीच रास्ते पर एक 150/रुपयों का केक काट कर जन्म दिवस नहीं कहलाता
जन्म दिवस मनाना हो तो ऐसा मनाओ की जन्म दिवस वाले की खुशी से ज्यादा खुशी दूसरों को हो और वही खुशी छोटे मासूम बच्चों की हो तो वोह जन्म दिवस वक्काई में जन्म दिवस होगा।
जी हां जब हमने गिफ्ट लेते उन नन्हे छोटे मासूम बच्चों के चेहरे पर खुशी देखी उस वक्त का नज़ारा सच में देखने लायक था और तब यह पता चला की सही ख़ुशी कहां और कैसे मिलती है आज रामचंद्र बरेठिया ने यह बता दिया है की जन्म दिवस की खुशी सही मायनो में कहां मिलती है इसकुल में आते ही मुख्य ध्यापक मुख्तार सर ने रामचंद्र जी हार वा पुष्प गुच्छ देकर जन्म दिवस की शुभकामनाएं वा स्कूल के स्टाफ ने हार पहना कर शुभ कामनाएं दी तो बच्चों ने उनका स्वागत तालियों से किया। इस कार्यक्रम के समय स्कूल के मुख्य ध्यापक, मुख्तार सर,,,,,नजीब सर, मुंजिरो दिन सर, खालिद इनामदार, मोहम्मद अजहर पत्रकार जफर खान सहित आदि मान्यवर उपस्थित थे।
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