नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता पूर्व मंत्री सुरेश जैन के सार्वजनिक जीवन में सक्रिय होते ही प्रस्थापित नेताओं के इशारे पर प्रशासन की ओर से जलगांव शहर का बुनियादी ढांचा दुरुस्त करने के काम ने तेजी पकड़ ली है। ज्ञात हो कि सुरेश जैन को जलगांव जिले की राजनीति का भीष्म पितामह माना जाता है। मनपा चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष पर 100/200/300 करोड़ रुपए के विकास फंड की हमले (जुमले) बाजी करने वाले नेता तत्परता से जनता के बीच प्रकट हो चुके हैं। अजंता चौफूली, नेरी नाका इलाका, आकाशवाणी से महानगर पालिका टॉवर, पुराने जलगांव शहर की तमाम संकरी गलियां सीमेंट कांक्रीट की बन रही है। प्रशासन ने रेत पर पाबंदी लगाई है तो कहीं छूट दे रखी है ऐसे में रेत के विकल्प में घेंसू से काम चलाया जा रहा है। सड़कों में इस्तेमाल किया जा रहा स्टील का औसत सड़क की औसत आयु निर्धारित करने मात्र पात्र है।
बेमेल कांक्रीट इस कदर ज़मीन पर उलेडा जा रहा है की मानो गोबर हो जिसे ओपलो कि तरह छापा जाना है। इससे पहले नए जलगांव में सड़कों के नाम पर डामर गिट्टी के मिश्रण को जबरदस्ती ज़मीन पर रोलर से दबाया गया है। आज भी जमीन की धूल मिट्टी को साफ किए बिना डामर छिड़ककर ऊपर से दो तीन इंच का कच यानी घेंसू रोलर से दबाकर काम निपटे जा रहे हैं। इंजीनियरिंग क्षेत्र से अलहदा महानतम और तंत्रशुद्ध तरीके से किए जा रहे इन कामों के बगल में बड़े बड़े बोर्ड लगाकर मंत्रियों के नाम लिखकर जनता पर अहसान भाव व्यक्त करने की अनीति को राजनीति में भुला नहीं गया है। जलगांव में बीते आठ साल से रोके गए इन कामों पर खर्च किए जाने वाले करोड़ों रुपए से कमीशन बेसेस पर भ्रष्टाचार का एक पॉलिटिकल सिस्टम सींचा जा रहा है। जनता चाहती है कि उनके टैक्स के पैसों से कुछ तो गुणवत्ता पूर्ण काम हो।
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