शिक्षा समिति के सचिव एवं ट्रांसपोर्ट संचालक हसमुख जरीवाला को मिली ज़मानत, ख़ारिज हुई ललित जरीवाला की ज़मानत अर्ज़ी | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

बुरहानपुर के सीनियर एडवोकेट मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि नगर की एक प्रतिष्ठित शिक्षा समिति के सचिव पद पर पदस्थ एवं निमाड़ रोड लाइंस के मुख्य संचालक श्री हसमुख जरीवाला को उनके हृदय में पेसमेकर लगा होने से माननीय न्यायालय ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें ज़मानत दे दी है, वहीं उनके भाई एवं निमाड़ रोड लाइंस के संचालक श्री ललित जरीवाला का ज़मानत आवेदन सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उक्त फर्म का मैनेजर प्रवीण सीरिया फ़िलहाल पुलिस पहुंच से दूर बताया जा रहा है। निमाड़ रोडलाइंस के मुख्य संचालक श्री हसमुख जरीवाला उनके भाई ललित जरीवाला और उनके मैनेजर प्रवीण सीरिया, सूत की खरीदी बिक्री करने वाले असगर पिता अख्तर निवासी हरीरपुरा बुरहानपुर सहित पांच लोगों पर थाना सिटी कोतवाली पुलिस ने 182 बोरों की अमानत में खयानत/ धोखाधड़ी का मामला शिकायतकर्ता श्री ओमप्रकाश गोयल (73) निवासी सेंधवा मध्य प्रदेश की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीकृत हुए सूत के दो बोरे जप्त किया था।

इस प्रकरण की जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता व्यापारी पक्ष के अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि 08/11/2023 को बुरहानपुर की सेशन कोर्ट के पीठासीन अधिकारी माननीय तपेश दुबे साहब ने इस हाई प्रोफाइल मामले में जरीवाला बंधु में से 62 वर्षीय छोटे भाई ललित जरीवाला का ज़मानत आवेदन पारित आदेशानुसार निरस्त कर दिया। आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता अजहर हुसैन ने ज़मानत निरस्त करने हेतु अपनी दलीलें प्रस्तुत की थी। हालांकि एक दिन पूर्व ही दि . 07.11.2023 को उनके बड़े भाई निमाड़ रोड लाइंस के मुख्य संचालक एवं एक प्रतिष्ठित शिक्षा समिति के सचिव हसमुख जरीवाला( उम्र 76 वर्ष) को गंभीर बीमारी से ग्रस्त / पेसमेकर लगा होने के मेडिकल ग्राउंड पर सेशन कोर्ट ने उनका ज़मानत आवेदन स्वीकार कर लिया था, जिसमें ज़मानत निरस्त करने हेतु सिनियर अधिवक्ता श्री मनोज अग्रवाल ने अपनी दलीलें प्रस्तुत की थी। इस हाई-प्रोफाइल फ्रॉड मामले की एक विशेष बात यह भी रही कि फरियादी / आपत्तिकर्ता के अधिवक्ताओं में एक ही ऑफिस के जूनियर अधिवक्ता श्री अज़हर हुसैन की दलीलों को सुनने के बाद सेशन कोर्ट ने उनकी आपत्ति को स्वीकार करके आरोपी ललित जरीवाला का ज़मानत आवेदन निरस्त कर दिया, जबकि उसी ऑफिस के सीनियर अधिवक्ता श्री मनोज अग्रवाल द्वारा दी गई दलीलों को अस्वीकार करते हुए बड़े भाई हंसमुख जरीवाला का जमानत आवेदन सेशन कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जुनियर और सीनियर अधिवक्ता की दलीलों की स्वीकारोक्ति और अस्वीकरोक्ति के दोनों आदेशों के संबंध में पूछे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सीनियर अधिवक्ता श्री मनोज अग्रवाल ने कहा कि उनके 5 जुनियर अधिवक्ता हैं, तो ऐसे में किसी जूनियर अधिवक्ता की विजय पर सीनियर अधिवक्ता को वही खुशी होती है, जो एक पिता के मुकाबले पुत्र की विजय पर पिता को होती है। साथ ही उन्होंने अपने जुनियर अधिवक्ता अज़हर हुसैन को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।


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