मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

आगामी विधानसभा चुनाव 2023 हेतु बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से टिकट के मुख्य दावेदारों में प्रमुख रूप से सर्वश्री(1) श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी (2) मनोज तारवाला और (3) दिवंगत सांसद एवं पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वर्गीय नंद कुमार सिंह चौहान के युवा पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान के नाम विभिन्न माध्यमों से सामने आ रहे थे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बुरहानपुर आगमन पर अनेक कार्यक्रमों में दिवंगत सांसद एवं पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान को आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाने का वादा किया था। स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद उपजी सहानुभूति की लहर में भी दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान को लोकसभा उपचुनाव में मौक़ा ना देते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने का वादा किया गया, लेकिन विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी उम्मीदवारों की सूची फाइनल करने में आला कमान के सामने मुख्यमंत्री की कोई विशेष भूमिका नहीं थी। शनिवार के शाम 4:00 बजे भाजपा की पांचवी फाइनल सूची जारी होने के बाद भाजपा में बगावत की खबरें सामने आ रही है। भागवत की खबर से बुरहानपुर भी अछूता नहीं है।

स्वर्गीय सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र भी अपनी दावेदारी के लिए भोपाल में थे और अभी भी भोपाल में है वह रविवार को दोपहर में बुरहानपुर पहुंचेंगे।इस बीच हर्षवर्धन सिंह चौहान की घर हाजिरी में हजारों समर्थक और कार्यकर्ता उनके संजय नगर स्थित निवास पर पहुंचे जिसमें भाजपा के कुछ गद्दार नेता भी साथ थे। स्वर्गीय सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के युवा पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान को बुरहानपुर विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट न मिलने पर पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष विजय गुप्ता, पूर्व निगम अध्यक्ष एवं भाजपा के प्रबल दावेदार मनोज तारवाला, भाजपा नेता राजू राधेश्याम जोशी, पूर्व महापौर अनिल भोसले सहित अन्य नेताओं और समर्थकों ने दिवंगत सांसद स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के निवास पर पहुंचकर दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती दुर्गेश्वरी देवी के समक्ष अपनी सहानुभूति दर्ज कराई।
बताया जाता है कि इस बात से दिवंगत सांसद की धर्मपत्नी, मां की ममता के रुप में बहुत जज़्बाती हो गई और उन्हें यह कहना पड़ा कि वह पार्टी के विरोध में नहीं बोल रही है लेकिन एक बात यह के मेरे स्वर्गीय पति की पार्टी की सेवा करने में क्या कमी थी ? जो मुझे आज यह दिन देखना पड़ रहे हैं। जिस व्यक्ति (दिवंगत सांसद) ने पार्टी के लिए अपना घर भर छोड़कर अपना जीवन त्याग कर दिया था उसके साथ यह न्याय ? …. तो आगे क्या होगा? बड़ा सवाल सियासी गलियारों में यही गूंज रहा है कि मौजूदा सियासी हालात में क्या दिवंगत सांसद के युवा पुत्र टिकट न मिलने से नाराज होकर क्या पार्टी से बगावत करके निर्दलीय खड़े होंगे? रविवार को दोपहर हर्षवर्धन सिंह चौहान के बुरहानपुर पहुंचने के बाद वे अपने समर्थकों और शुभचिंतको से मिलकर क्या रणनीति बनाते हैं, इसका खुलासा आइंदा कुछ दिनों में होने पर ही कुछ अंदाज़ा लगाया जा सकेगा। इस बीच भाजपा आला कमान हर्ष चौहान को किस प्रकार टैकल करता है। और क्या वह पार्टी की बात मानेंगे। यह सभी बातें आने वाले समय पर ही डिपेंड है।