फैज़ान खान, गुरुग्राम/नई दिल्ली, NIT:

भीम सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने 1 अक्तूबर को राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर से यह घोषणा की थी कि वह संविधान सुरक्षा बिल लाने की मांग को लेकर पूरे देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक संविधान बचाओ मशाल यात्रा निकालेंगे। तंवर ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वे पिछले 5 साल से संविधान बचाओ यात्राओं का आयोजन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने संविधान की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए। दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में सतपाल ने केंद्र की मोदी सरकार को खुलकर धमकियां दी थीं। दिल्ली पुलिस ने केंद्र सरकार से बात की थी जिसमें संविधान सुरक्षा बिल लाने से साफ इंकार कर दिया था।
मीडिया से बात करते हुए भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर की पीआरओ सोनिका सिंह चौहान ने बताया कि भीमसेना के चीफ नवाब सतपाल तंवर की संविधान बचाओ मशाल यात्रा 26 नवंबर 2023 संविधान दिवस से ही शुरू होगी। तंवर की पीआरओ ने साफ कर दिया है कि अभी पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे उनके बॉस की राहों में कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी। सोनिका ने बताया कि सतपाल तंवर और उनकी पत्नी को संभालने के लिए उनकी चीफ कमांडो ऑफिसर, पर्सनल सिक्योरटी ऑफिसर, उनकी सहयोगी वंशिका, विवेक कुमार आदि और उनका परिवार हर समय उनके साथ है। सतपाल तंवर और निशा तंवर एडवोकेट के माता पिता भी लगातार उनके साथ रह रहे हैं। साथ ही कुछ पर्सनल डॉक्टरों और पर्सनल नर्सों की एक टीम भी उनके साथ लगा दी गई है। सोनिका ने तेज दहाड़ के साथ बोला कि यह संविधान बचाओ मशाल यात्रा पूरे देश में तय समय संविधान दिवस से शुरू की जाने वाली है।
बता दें कि भीमसेना चीफ नवाब सतपाल तंवर गैर राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन किसी ना किसी छोर से देखा जाए तो सतपाल तंवर की यह संविधान बचाओ मशाल यात्रा आने वाले समय में राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों को प्रभावित कर सकती है। भाजपा वाले समझा रहे हैं, कांग्रेस वाले तंवर पर डोरे डाल रहे हैं। सोनिका चौहान की मानें तो यात्रा को रोकने के लिए तमाम तरह से लालच दिए जा रहे लेकिन नवाब सतपाल तंवर अपनी जिद्द पर अड़े हैं कि वह संविधान दिवस से अपनी संविधान बचाओ मशाल यात्रा शुरू करेंगे।