अरशद आब्दी, झांसी ( यूपी ), NIT;
झांसी नगर के चिरगांव कस्बा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी और सवास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण ग़रीब मरीज़ों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सुबह के वक़्त मरीज अपने घर से इलाज के लीए चिकित्सालय जाते हैं और जब यह ज्ञात होता है कि डॉक्टर ही नहीं है तो लंबी कतारों में घंटो लगकर खडा रहना पड़ता है, जबकि हिंदुस्तान के हर ज़िला चिकित्सालय में एक इंमरजेंसी डॉक्टर होता ही है, यहाँ इमरजेंसी कंपाउंडर चला रहे हैं।वहीं दूसरी तरफ तरफ आरोप लगाया जा रहा है कि ए.एन.एम. जी. एन. एम, जच्चा बच्चा वार्ड में गर्भवती महिलाओं के जीवन से खिलवाड़ करने में नहीं चूक रही हैं। जब कोई गर्भवती महिला अपना चेकअप करने जाती है तो महिला ए. एन. एम जी का कहना होता है कि 500 रुपये की दवाई ले लो डिलिवरी नार्मल हो जाएगी और वही सरकारी दवा, कैल्शियम, विटामिन की दवाएं दी जा रही हैं। ऐसे में मरीज़ों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जबकि केंद्र बहुमंजलिय इमारत बनने के बाद भी सुविधा आनुसार डॉक्टर नहीं है।
बिल्डिंग CHC की होनी चाहिये पर सुविधाए PHC की भी पूरी तरह से नहीं है। डॉक्टर न होने पर फार्मासिस्ट या वार्ड बॉय के द्वारा इलाज हो रहा है जबकि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य को लेकर कितनी सजग है कि स्वास्थ्य संबंधित सुरक्षित तरीके से मरीजों का इलाज व देखभाल हो। यह मुहिम सरकार द्वारा चलाई जा रही है। इस तरह स्वास्थ्य संबंधी उच्च अधिकारी ध्यान केन्द्रित करें ताकि गरीब मरीजों का इलाज अच्छे व काबिल डॉक्टरों के द्वारा हो। अपने कर्तव्यों के खिलाफ़ काम करने का दोष साबित होने पर तत्काल कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए और ऐसे भ्रष्ट डॉक्टरों हटाया जाना चाहिए ताकि आने वाले नए डॉक्टरों के द्वारा ग़रीब मरीज़ों का सही इलाज हो सके।
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