असली नकली की पहचान करलो, सावधान रहने वाला ठगाता नहीं: पूज्य संयत मुनीजी | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

असली नकली की पहचान करलो, सावधान रहने वाला ठगाता नहीं: पूज्य संयत मुनीजी | New India Times

जैनो का पर्व पर्युषण महापर्व मंगलवार से प्रारम्भ होकर 8 दिवसीय आराधना के साथ 20 सितंबर को संपन्न होगा जिसको विशेष रूप से जप तप आराधना से मनाया जायेगा अणु स्वाध्याय भवन में वर्षावास हेतु विराजित अणु वत्स संयत मुनीजी एवं संत मण्डल द्वारा इन दिनों में भगवान द्वारा फरमाये जाने वाले शास्त्रों का श्रवण, समायिक प्रतिकमण से कर्मों की आलोचना करवाई जायेगी जिसका लाभ आसपास सहित अन्य संघो से आये आराधक भी ले रहे हैं।

प्रथम दिवस मुनि श्री ने बताया

पर्व दो प्रकार के होते है लौकिक पर्व, लोकोत्तर पर्व लौकिक पर्व में खाना पीना नाचना गाना एवं धूम मचाना विशेष होता है एवं लोकोत्तर पर्व मोक्ष की कामना से कर्मों की निर्जरा करके मनाया जाता है जिसमे शास्त्रों का श्रवण, सामायिक, प्रतिकामण, दान, ब्राह्मचार्य का पालन आदि से मनाया जाता है चारों और से अपनी प्रवर्तियों को समेटना स्वयं के दोषों को देखना।

असली नकली की पहचान

धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए मुनि जी ने उपस्थित जन समुदाय से पूछा आप सभी सुख चाहते हो? आपको असली सुख चाहिये की नकली सुख? जीव को हमेशा नकली सुख ही क्यों प्रिय है और उसके पीछे ही क्यों भागता है और अच्छा तो नकली ही लगता है परंतु असली तो असली ही है जीव सुख के नाम पर कितना ठगा रहा है करोड़ों खर्च कर के विज्ञापन बनाने वाली कम्पनिया चवन्नी फेंक कर रुपया उठा रही है यहाँ काला चेहरा बता कर गोरे होने की क्रीम बेचीं जाती है नकली से ठगाना नहीं और असली से दूर जाना नहीं असली सुख तो भगवान के बताये मार्ग पर है आठ दिवसीय पर्व पर्युषण पर्व के प्रथम दिवस खचा खच भरे अणु स्वाध्याय भवन में कई तपस्या के प्रत्याख्यान हुए जिसमे सबसे बड़ी लगातार 75 दिवस उपवास की तपस्या पुरे डूंगर मालवा की शान तप चकरेश्वरी श्रीमती स्नेहलता जी वागरेचा की चल रही है सामूहिक सिद्धि तप के 81 तपस्वीयों की अंतिम पड़ाव के पहले उपवास के प्रत्याख्यान सहित सेकड़ों आराधकों ने उपवास किये आसपास सहित अन्य राज्यों से संघों से कई महानुभव पधारे है कल्याणपुरा संघ से विशेष दान राशि प्राप्त हुई प्रभावना का लाभ विनोद रणजीत सिंह बाफना परिवार ने लिया संचालन विपुल धोका ने किया।

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