भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी आलोक शर्मा द्वारा मुस्लिम समुदाय को लेकर दिये गये विवादित बयान पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने दिये जांच के आदेश | New India Times

जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:

अब्बास हफीज

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने भाजपा नेता और भोपाल उत्तर के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी आलोक शर्मा द्वारा मुस्लिम समुदाय को लेकर दिये गये बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि मध्य प्रदेश में भाजपा के नेता बार-बार सांप्रदायिक बयान देकर प्रदेश की फ़िजा बिगाड़ने का अमानवीय कृत्य कर रहे हैं।। मप्र में निकट भविष्य में विधानसभा के चुनाव होना नियत है और ऐसे में भाजपा नेताओं द्वारा तरह-तरह के चुनावी हथकंड़े अपनाकर प्रदेश को अपने पक्ष में करने की जुगत लगा रहे हैं। वहीं भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए घोषित हुई उम्मीदवारों की सूची में भोपाल उत्तर से आलोक शर्मा को भाजपा प्रत्याशी बनाया गया है। श्री हफीज ने कहा कि भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और भोपाल उत्तर के विधानसभा प्रत्याशी श्री शर्मा द्वारा जावरा में एक विवादित बयान दिया जिससे मुस्लिम समुदाय को आघात पहुंचा है, जिसकी लिखित शिकायत राष्ट्रीय अल्संख्यक आयोग से की गई।

वहीं आयोग ने श्री शर्मा के विवादित बयान को संज्ञान में लेते हुए मप्र के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर 21 दिन में जांच कर रिपोर्ट आयोग को सौंपने के निर्देश दिये हैं। श्री हफीज ने कहा कि हैरत की बात यह है कि इस साम्प्रदायिक विवादित बयान के बाद भाजपा नेतृत्व ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है, इसलिए श्री शर्मा के खिलाफ साप्रदायिक बयानवाजी करने के अपराध में सख्त कानूनी कार्यवाही की जाये, क्योंकि उनके इस तरह के साम्प्रदायिक भाषण से मतदाताओं पर काफी प्रभाव पड़ेगा और विधानसभा चुनाव का माहौल बिगड़ सकता है। भाजपा नेतृत्व श्री शर्मा के बयान को संज्ञान में लेकर तत्काल उन्हें भाजपा के उपाध्यक्ष पद पर से बर्खास्त करे साथ ही श्री शर्मा को प्रत्याशी न बनाकर भोपाल उत्तर से किसी अन्य व्यक्ति को प्रत्याशी बनायें। श्री हफीज ने माँग कि है कि भाजपा साफ़ छवि के नेताओं को टिकट दे और आलोक शर्मा के खिलाफ बिना किसी पक्षपात के कार्यवाही की जाए। श्री शर्मा के इस बयान के बाद अल्पसंख्यक वर्ग में आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान के समय भय का माहौल निर्मित होगा। इसलिये ऐसे नफ़रती बयानों पर प्रशासन को अविलंब कड़ी कार्यवाही करनी चाहिये, ताकि प्रदेश में चुनावी वातावरण को सांप्रदायिक होने से बचाया जा सके।


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