रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
आदिवासी बाहुल्य झाबुआ में आईएएस अधिकारी ने आदिवासी छात्राओं के साथ जो कृत्य किया है यह शिवराज सरकार की नाकामी दर्शाता है और यह प्रतीत होता है कि शिवराज सरकार की नज़र में आदिवासियों के जीवन प्रतिष्ठा और आबरू का कोई मूल्य ही नहीं है। पुर्व केंद्रीय मंत्री झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने झाबुआ के आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल में निरीक्षण के दौरान एसडीएम द्वारा छात्राओं से की गई अश्लील हरकत और बातचीत को घृणित और अक्षम्य हरकत बताते हुए कहा है कि सत्ता के दंभ में भाजपा के कार्यकर्ता तो आदिवासियों के चेहरों पर पेशाब कर ही रहे हैं, अब शिवराज सरकार के अधिकारी भी आदिवासियों को अपना ‘सॉफ्ट टार्गेट’ बना रहे हैं। हद तो यह हो गई है कि अपनी हैवानियत के चलते अब उन्होंने छोटी बच्चियों को भी निशाने पर ले लिया है।
जारी अपने वक्तव्य में भूरिया ने भाजपा की शिवराज सरकार और उसके अधिकारियों पर उक्त तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्टें तो वर्षों से मध्य प्रदेश में आदिवासी अत्याचार की लज्जाजनक गाथाएं गाती आ रही हैं लेकिन एकाएक आदिवासी अत्याचार की घटनाओं में जो विस्फोटक तेजी का दौर अब शुरू हुआ है, वह बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है।
अपने बयान में भूरिया ने कहा कि सबसे पहले सीधी जिले में भाजपा विधायक के प्रतिनिधि ने एक आदिवासी के चेहरे पर मूत्र विसर्जन किया, इसके बाद इंदौर जिले के राऊ में दो आदिवासी युवकों की बर्बर पिटाई की गई और अब झाबुआ से यह घृणित समाचार सामने आया है। इन सब घटनाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि सत्ता के मद में चूर भाजपा के कार्यकर्ता और शिवराज सरकार के मदमस्त अधिकारी अब अपनी घिनौनी और दमित इच्छाओं की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, साफ़ लग रहा है कि शिवराज सरकार की नजर में आदिवासियों के जीवन प्रतिष्ठा और आबरू का कोई मूल्य नहीं है।
इंदौर संभाग कांग्रेस प्रवक्ता साबिर फिटवेल द्वारा उक्त जानकारी दी गई है।
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