नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
राजनीतिक अनुशासन से सामाजिक न्याय की भावना का प्रदर्शन कर सुचारू स्वास्थ सेवाओं के लिए समूचे महाराष्ट्र में लोकप्रियता बटोरने वाले जामनेर तहसील क्षेत्र में सबसे अधिक मरीज नेत्र रोग से पीड़ित पाए गए हैं। सुचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी से यह पता चलता है कि 1995 से 2023 तक सरकारी अस्पताल में कुल 57 नेत्र चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए जिसमें 6353 मरीजों ने पंजीकरण कराया, 1378 की आंखों का ऑपरेशन किया गया। कमाल की बात है कि इन शिविरों पर सरकारी तिजोरी से एक कौड़ी भी खर्च नहीं की गई। आयुष के दो शिविर हुए जिसमें 162 मरीज दर्ज किए गए, खर्चा 47 हजार 842 रु हुआ। दिव्यांगों के तीन शिविरों में 1034 मरीजों के इलाज पर 66 हजार 691 रु खर्च किए गए। कुपोषण से जुड़े एक शिविर में 44 मरीज दर्ज किए गए, लेप्रोस्कोपी के तीन शिविर में 224 मरीज, इस प्रकार का रेकॉर्ड दर्ज हैं। तमाम शिविरों के लिए किसी राजनीतिक दल और NGO द्वारा किए गए निवेदन पर सरकारी सहायता से कोई भी शिविर आयोजित नहीं किया गया है। सुचना अधिकार कानून के तहत ब्लाक मेडिकल ऑफिसर जिला परिषद जलगांव से यही जानकारी मांगी गई जिसके जवाब में TMO ने बताया कि जामनेर तहसील क्षेत्र में 1995 से अब तक आयोजित किसी भी सार्वजनिक शिविर की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
TMO जानकारी देने के दायित्व से भागते नजर आए
उक्त पड़ताल से यह बात सामने आती है कि तीस सालों में स्थानीय स्तर पर जितने भी स्वास्थ विषयक शिविर हुए हैं वह सरकारी महकमे की ओर से संपन्न हुए हैं जिसमें किसी भी राजनीतिक पार्टी का कोई सरोकार नहीं है।
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