नगर परिषद की दूरदर्शिता के अभाव का हर्जाना अपनी जेब से चुका रही है जनता, पाइप-लाइन की मरम्मत पर सरकारी तिजोरी से ख़र्च हो रहे हैं लाखों रुपए | New India Times

नरेंद्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

नगर परिषद की दूरदर्शिता के अभाव का हर्जाना अपनी जेब से चुका रही है जनता, पाइप-लाइन की मरम्मत पर सरकारी तिजोरी से ख़र्च हो रहे हैं लाखों रुपए | New India Times

किसी भी बढ़ते हुए शहर की जरुरतों को पूरा करने के लिए आने वाले 50 सालों को सामने रख कर बुनियादी सुविधाओं की नींव रखनी चाहिए। यह दूरदर्शी संकल्पना राष्ट्रीय आर्थिक पॉलिसी का अहम हिस्सा है जिसे जामनेर में किनारे कर दिया गया है। जामनेर को पीने का पानी सप्लाई करने के लिए वाघुर डैम से शहर तक बनाई गई 15 किमी लंबी दोतरफा पाइप-लाइन की मरम्मत पर सरकारी तिजोरी से हर साल लाखों रुपए का बिल फाड़ा जा रहा है।

नगर परिषद की दूरदर्शिता के अभाव का हर्जाना अपनी जेब से चुका रही है जनता, पाइप-लाइन की मरम्मत पर सरकारी तिजोरी से ख़र्च हो रहे हैं लाखों रुपए | New India Times

कुछ दिन पहले पटवारी कॉलोनी के पास यह लाइन लीक हो गई थी, तत्कालीन मुख्याधिकारी ने दोनों पाइप-लाइन को शहर की मुख्य सड़क के ठीक मध्य में जमीन के नीचे बिछा दिया तब पाइप-लाइन का काम कर रहे ठेकेदार ने पाइप बिछाते समय उनके नीचे पकड़ के लिए बिछाई जाने वाली बालू गायब कर दी, बाद में इसी सड़क को 8 करोड़ रुपए के फंड से फोरलेन में तब्दील किया गया तो पाइप लाइनें सड़क के बीचों-बीच आ गई। भारी भरकम वाहनों के यातायात के कारण आए दिन पाइप टूटफूट रहे हैं जिससे हजारों लीटर पानी बर्बाद हो कर वो सड़क खराब कर रही है जो पहले से घटिया किस्म की बनाई गई है। किसी भी लोकल बॉडी में सबसे अधिक भ्रष्टाचार वाटर सप्लाई विभाग में किया जाता है, जामनेर इससे अछूता नहीं है। विकास के नाम पर नेताओं ने इस शहर और तहसील क्षेत्र को लूट का साधन बनाया, सैकड़ों ऐसे टिचकुले ठेकेदार पैदा किए जो आज करोड़ों रुपयों की संपत्ति के मालिक हैं। भविष्य में जामनेर ED, CBI, Incom Tax विभाग की पहली पसंद बनेगा इसमें कोई संदेह नहीं है।


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