रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच जिला अस्पताल में इंतजाम को परखने के लिए मॉक ड्रिल की गई।
इसके माध्यम से संक्रमित मरीज का किस प्रकार से इलाज करना है, इसकी प्रैक्टिस भी की गई। यह देखा गया कि संक्रमित मरीज के मिलने के बाद एंबुलेंस से उसे जिला अस्पताल तक लेकर आने और उपचार शुरू करने में कितना वक्त लगता है।
इसके अलावा ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की क्या स्थिति है फिलहाल मॉक ड्रिल में जिला अस्पताल पास हो गया शासन के निर्देशानुसार सुबह 11 बजे मॉक ड्रिल की शुरुआत हुई।
इस दौरान कोरोना संक्रमित मरीज के रूप में एक कर्मचारी को खड़ा किया गया। जिसकी सूचना प्राप्त होते ही तत्काल उसे लेने के लिए एंबुलेंस को रवाना किया गया। एम्बुलेंस में विशेषज्ञ डॉक्टर की एक टीम भी थी। जबकि जिला अस्पताल के बाहर भी एक टीम तैनात की गई। जैसे ही मरीज को लाया गया, अस्पताल के बाहर मौजूद टीम उसे स्ट्रेचर पर डॉक्टर के पास लेकर पहुंची। ड्यूटी डॉक्टर ने जांच के उपरांत मरीज को आईसीयू में भर्ती करने के निर्देश दिए। संक्रमित मरीज को तुरंत कोविड आईसीयू ले जाया गया। जहां उसे ऑक्सीजन के साथ ही वेंटीलेटर सपोर्ट देने की तमाम प्रक्रियाओं का पूर्वाभ्यास किया गया।
क्लेक्टर को दिखाने के लिये दोबारा की गई मॉकड्रिल
दोपहर दो बजे अचानक कलेक्टर तन्वी हुड्डा ने खबर भेजी कि वो अस्पताल पहुंच रही हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने फटाफट एक और मॉकड्रिल की तैयारी की। दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर फटाफट मरीज तैयार किया गया, डॉक्टर और स्टाफ वालों को पीपीई किट पहनाई गई। इसके बाद कलेक्टर ने मॉकड्रिल देखी। कलेक्टर ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया। आईसीयू, जनरल वार्ड, महिला वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट देखे। अस्पताल प्रशासन के अनुसार एक और आईसीयू भी कोरोना के लिए तैयार कर लिया गया है। जिला अस्पताल में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में है। जिले में अभी तक नया कोरोना मरीज नहीं मिला है। लेकिन देश में कई जगह मरीज मिल रहे हैं। प्रदेश के कई हिस्सों में भी मरीज सामने आए हैं। ऐसे में इस बार कोरोना से निपटने के लिए पहले से तैयारियां की जा रही हैं।
कोरोना काल में 10 हजार से अधिक संक्रमित मिले थे, 86 की मौत हुई थी
कोरोना काल में पूरे देश की तरह ही झाबुआ जिले में गंभीर हालात निर्मित हुए थे। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 3 लाख 59 हजार 232 लोगों की जांच की गई थी। इसमें से 10 हजार 307 लोग पॉजिटिव मिले थे। 86 मरीजों की मौत हो गई थी। दोबारा इस तरह के हालात निर्मित न हो, इसलिए ही ये मॉक ड्रिल की गई।
दो आईसीयू, 165 बेड पर ऑक्सीजन के इंतजाम
जिला अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों के लिए दो आईसीयू है। एक आईसीयू पुराना है तो दूसरा नया। इनमें 20 मरीजों को रखा जा सकता है। इसके अलावा 165 बेड पर सीधे ऑक्सीजन के इंतजाम है। 13 वेंटीलेटर मशीन है तो बायपेप की संख्या अलग है। जिला अस्पताल परिसर में स्थित ऑक्सीजन प्लांट अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहा है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.