मनपा की राजनीति के चाणक्य प्रदीप रायसोनी ने दिये फिर से सक्रिय होने के संकेत, मनपा घरकुल घोटाले के हैं आरोप | New India Times

विशेष प्रतिनिधि, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

मनपा की राजनीति के चाणक्य प्रदीप रायसोनी ने दिये फिर से सक्रिय होने के संकेत, मनपा घरकुल घोटाले के हैं आरोप | New India Times

महानगर निगम के साथ ही जिले में सत्ता किसी की भी हो जलगांव की राजनीति के चाणक्य प्रदीप रायसोनी का ही सिक्का चलता है। शहर की राजनीति क्षितिज पर एक बार फिर रायसोनी के सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं। संभावित चुनावों में रायसोनी जलगांव मनपा की राजनीति में फिर से सक्रिय हो सकते हैं।

घरकुल घोटाले के मास्टरमाइंड तथा तत्कालीन विधायक तथा मंत्री जैन का दाहिना हाथ कहलाने वाले रायसोनी ने जलगांव मनपा की राजनीतिक बिसात पर शतरंज की चाले चलना शुरू कर दिया है। उन्होंने चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर चुनाव लड़ने के लिए पात्र है। उन्हें सभी इलेक्शन लड़ने की अनुमति दी जाए इस तरह मांग की है। इसी के अनुरूप आयोग ने मनपा प्रशासन से भी जानकारी मांगी है. जलगांव शहर की राजनीति में पूर्व मंत्री जैन के प्रदीप रायसोनी खास नेता और चाणक्य माने जाते थे।

गौरतलब हो कि जलगांव मनपा के तहत बनाके घरकुल सदन घोटाले में प्रदीप रायसोनी, पूर्व मंत्री सुरेश जैन समेत अनेक पार्षद आरोपी हैं। न्यायालय ने उन्हें कुछ शर्तों पर जमानत मंजूर की है।

जलगांव. तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर मनपा महापौर तक 25 से 30 वर्षों तक जलगांव की राजनीति में अपनी छाप छोड़ने वाले प्रदीप रायसोनी जिन्होंने पूर्व मंत्री जैन के मार्गदर्शन में अपनी राजनीती की शुरुवात की थी और जो वर्तमान स्थिति में राजनीति से दूर हो गए हैं, उनके फिर से राजनीति में सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं।

जैन के मार्गदर्शन में प्रदीप रायसोनी के पास चुनाव लड़ने की रणनीति और कुबेर की चाभी हुआ करते थी. घरकुल घोटाला सामने आने से कुछ समय पहले वे राजनीति से अलग हो गए थे लेकिन तत्कालीन कमिश्नर प्रवीण गेडाम के अनुसार जलगांव घरकुल घोटाले में शामिल रहे प्रदीप रायसोनी का भी इसमें नाम था।

जब से रायसोनी को घरकुल मामले में दोषी ठहराए गए है, तब से वह जलगांव की राजनीति से दूर हो गए हैं. पूर्व मंत्री जैन चार-पांच महीने पहले घरकुल मामले में जमानत पर रिहा हुए हैं. उसके बाद जैन बंगले पर विरोधियों से से लेकर उनके समर्थकों ने रिहाई का जश्न मनाया था और बधाई दी थी किंतु इस मौके पर रायसोनी नदारद पाए गए।

नियोजन समिति में भी रायसोनी की मर्जी के बगैर अनुदान तहसील में वितरित नहीं होता था. चुनाव आयोग सेचुनाव लड़ने की गुहार से संकेत मिल रहे हैं की जलगाँव की राजनीति के चाणक्य एक बार फिर से सक्रिय तौर पर चुनाव उतर कर अपने विरोधियों को चारों खाने चित करने की तैयारी में जुटा है।


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