सरकार की उपेक्षा से नाराज़ तहसीलदार सरकार के खिलाफ करेंगे आंदोलन, 20 मार्च से सामूहिक अवकाश पर जाएंगे | New India Times

पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

सरकार की उपेक्षा से नाराज़ तहसीलदार सरकार के खिलाफ करेंगे आंदोलन, 20 मार्च से सामूहिक अवकाश पर जाएंगे | New India Times

राज्य शासन की उपेक्षा से नाराज तहसीलदार और नायब तहसीलदार अब फिर आन्दोलन की राह पकड़ेंगे। शासन द्वारा तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर, नायब तहसीलदार से तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक से नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति का आदेश जारी नहीं किए जाने से नाराज प्रदेश भर के तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसएलआर, एएसएलआर अब 20 मार्च से सामूहिक अवकाश पर रहते हुए कलम बंद हड़ताल पर जाएंगे।

मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ ने यह निर्णय बीती रात हुई बैठक में लिया है। इसमें कहा गया है गूगल मीट के जरिये हुई बैठक में पदोन्नति नहीं दिए जाने, राजपत्रित अधिकारी दर्जा नहीं देने और वेतन विसंगति दूर नहीं करने को लेकर बार-बार शासन के समक्ष लगातार मांगपत्र देने के बाद भी निराकरण नहीं किया जा रहा है। इसको लेकर 28 फरवरी को रिमाइंडर दिया गया लेकिन तब भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। इससे लगता है कि राजस्व अधिकारी संघ के मांगपत्र शासन के लिए कोई महत्व नहीं रखते हैं। इसलिए संघ ने फैसला किया है कि गुरुवार से पूरे प्रदेश में राजस्व अधिकारी 2 दिवस तक दाएं बांह में काली पट्टी बांध कर काम करेंगे। इसी को लेकर आज ग्वालियर जिले के सभी राजस्व अधिकारियों ने जिला मुख्यालय पर पहुंचकर ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार को अपनी मांगे सरकार तक पहुंचाने और उन पर अमल करने के लिए ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया गया है कि प्रदेश स्तर पर किए जा रहे राजस्व अधिकारियों की कलम बंद हड़ताल 20 से 22 मार्च तक यानी कि तीन दिन तक सामूहिक अवकाश जाने की जानकारी दी है। कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि राजस्व अधिकारी अपने को हर तरह के प्रशासनिक, कार्यपालिक, न्यायालयीन कार्य से मुक्त रखेंगे। इसके अलावा राजस्व अधिकारी संघ ने तय किया है कि वे बोर्ड परीक्षा ड्यूटी भी नही करेंगें, जिसकी सूचना आवेदन पत्र में दी जाएगी। इसके साथ ही 23 मार्च को सभी अधिकारी पुन: कार्यालय में उपस्थित होकर कार्य करेंगे। 24 और 25 मार्च को पुन: गूगल मीट बैठक होगी और आगामी योजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी। संघ के पदाधिकारी आज या कल राजस्व मंत्री और अन्य प्रशासनिक मुखिया के समक्ष एक स्मरण पत्र सामूहिक अवकाश को लेकर देने वाले हैं।


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