अब्दूल वहीद काकर, धुले (महाराष्ट्र), NIT; एंटी करप्शन विभाग जलगांव तथा धुलिया ब्यूरो ने नायब तहसीलदार समेत तीन अधिकारियों को गिरफ़्तार करने में सफलता प्राप्त की है।
पहली घटना में जलगांव एंटी करप्शन ब्यूरो ने नंदूरबार पुलिस दल के सेवारर्थ उप निरिक्षक की शिकायत पर हिरे चिकित्सालय तथा मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ लिपिक को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांगने तथा पहली किस्त 2 हजार रुपए अग्रिम लेने के बाद बाकी के तीन हजार रुपये स्वास्थ्य संबंधी फिटनेस प्रमाण पत्र पर सभी चिकित्सकों के हस्ताक्षर किए जाने के उपरांत प्रमाण पत्र देते समय रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
मेडिकल अधिकारी से पांच हजार रुपए रिश्वत देना तय हुआ था, जिस में पुलिस उप निरीक्षक ने दो हजार रुपये पहले ही अदा कर दी थी बाकी की रिश्वत देने की इच्छा नहीं थी, इसलिए इसकी शिकायत एंटीकरप्शन विभाग जलगांव से की गई थी। जिस पर कारवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने हिरे मेडिकल कॉलेज बोर्ड के वरिष्ठ लिपिक को 3 हजार रुपए की रिश्वत स्वीकारते हुए हरि चन्द्र फूल पागारे को रंगेहाथों गिरफ़्तार कर लिया।
दूसरी घटना में नायब तहसीलदार को धुले एंटी करप्शन विभाग ने किया गिरफ़्तार
तहसील क्षेत्र के जुनवने गांव की जमीन का एन ए प्रास्तव अनुविभागीय अधिकारी ने नायब तहसीलदार को भेजा था, जिसमें नायब तहसीलदार के लिपिक ने भूमि अकृषि प्रास्तव भेजने के लिए फोन पर शिकायत कर्ता से 15 हज़ार रूपये की रिश्वत की मांग की थी जिसमें शिकायत कर्ता की इच्छा रिश्वत देने की नही होने के कारण उसने अपनी शिकायत एंटीकरप्शन विभाग से की। ब्यूरो ने घटना की सत्यता जांच कर नायब तहसीलदार हरीश बजरंग गुरव तथा लिपिक प्रदीप शरद देवरे को फ़ोन द्वारा रिश्वत मांगने के अपराध में 1988 की धारा 7/ 5 अनुसार गिरफ़्तार कर मामला शहर पुलिस थाने में दर्ज किया गया है।
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