जनता की दर्द भरी आवाज जनप्रतिनिधियों के कानों तक नहीं पहुंच पा रही है, निष्पक्ष आवाज उठाने वालों पर शासन प्रशासन कर रहा है कार्रवाई: श्यामू शुक्ला | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

जनता की दर्द भरी आवाज जनप्रतिनिधियों के कानों तक नहीं पहुंच पा रही है, निष्पक्ष आवाज उठाने वालों पर शासन प्रशासन कर रहा है कार्रवाई: श्यामू शुक्ला | New India Times

शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान किसान नेता श्यामू शुक्ला ने जनपद के कुछ जनप्रतिनिधियों पर जनता के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि विकास खण्ड पसगवां के खण्ड विकास अधिकारी को कार्यवाही से बचाने के लिए अपनी जनता के विश्वास को जिस तरह से तोड़ने का काम किया है कि उनके द्वारा की जा रही कमीशन खोरी व भ्रष्टाचार के विरुद्ध संज्ञान के बजाए जिला प्रसासन पर इतना दबाव बना रखा है कि जनपद के आला अधिकारी बीडीओ पर कार्यवाही से कतरा रहे हैं लेकिन अब जनता को ही जवाब मांगना होगा कि उनके द्वारा ही जवाब लेना होगा जैसे कि उन फर्मो की जांच जिनके बिल बाउचर पाइप ईंट वाल पेंटिंग स्ट्रीट लाइट तालाबों में किए गए धन के घोटाले आदि की निष्पक्ष जांच करवा लें तो करोड़ों का घोटाला मिलेगा उन्हीं के विरुद्ध यह हमारा धरना प्रदर्शन चल रहा है। कई बार जिले के अधिकारियों ने कार्यवाही का आश्वासन दिया पर बड़े नेता के दबाव में वह कार्यवाही न करके वादा खिलाफी कर गए लेकिन कार्यवाही न होने तक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं प्रभारी निरीक्षक के साथ जनता हित भूल एक दूसरे जनप्रतिनिधि खुल कर सामने आ गए और आंदोलन को कुचलने को प्रयासरत है अधिकारियों को अपने प्रभाव से बरगला कर किसान नेताओं को फंसाने के प्रयास में है जबसे इन प्रभारी की नियुक्ति हुई है तब से थाना क्षेत्र में चोरियां छिनैती खनन डीजल चोरी जुवां मादक पदार्थ की बिक्री महिला उत्पीड़न का ग्राफ खूब बढ़ा है जिनकी लिखित शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाही न किसी का खुलासा कर पाए है यहां तक कि फरिया पिपरिया में हुई वृद्ध महिला की हत्या में दर्जनों लोगों को उठाकर उगाही तो कर ली लेकिन आज तक खुलासा नही कर पाएं है उनके विरुद्ध हमारा धरना चल रहा है लेकिन जनप्रतिनिधियों के दबाव में जिला प्रशासन कोई कार्यवाही नही कर पा रहा है वहीं मितौली एसओ व पीआरओ एसपी जो महिला सिपाही के मामले में बिल्कुल निर्दोष थे उनपर तत्काल निलंबन की कार्यवाही हो जाती है लेकिन जिन अधिकारियों की साक्ष्य सहित दर्जनों शिकायत की गईं है उन पर कोई कार्यवाही नही यह सिर्फ बड़े नेताओं का प्रभाव दबाव है वहीं किसान पंचायत के दौरान आला अधिकारियों ने जांच कर कार्यवाही की बात की थी लेकिन नेताओं के दबाव में वह अधिकारी गणों पर कार्यवाही तो नही कर पाए बल्कि आवाज उठाने वाले किसान नेताओं प्रधानों व पत्रकारों के विरुद्ध जरूर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया अब यह जनता को देखना होगा कि उनके हितों की आवाज उठाने वालों पर वह लोग दबाव बना कर कार्यवाही करवा रहें है जिनको उसी जनता ने चुना है जनता का शोषण करने वाले सरकार की लाभकारी योजनाओं को कमीशन की भेंट चढ़ाकर अपने पेट भरने वाले अधिकारी जनता की सुरक्षा में लापरवाह प्रभारी को बचाने में बड़े वही जिनको जनता ने चुना है वही मैदान में उतर गए है इसमें और भी सबसे बड़ी हकीकत यह भी है कि अधिकतर किसान नेता प्रधान पत्रकार ब्राह्मण है इसी लिए उनके आंदोलन को कुचलने का कुत्सित प्रयास है ताकि कोई ब्राह्मण नेता उनके क्षेत्र में भृष्ट सिस्टम के विरुद्ध आवाज न उठा सके इस बात का जवाब आने वाले समय जनता ऐसे नेताओं से जवाब जरूर मांगे साथ ही धान खरीद खाद की किल्लत जनपद के बजाज चीनी मिलों के बकाया गन्ना भुगतान आवारा गौवंश ट्राली पर लगाये गए जुर्माना कम्पाइन पर रोक पराली पर जुर्माना आदि समस्याओं पर प्रमुखता से अपनी बात रखते हुए किसान नेता श्यामू शुक्ला ने कहा इन सभी समस्याओं से किसानों को निजात दिलाने के नाम पर सत्तासीन वह नेता चुप है और जो किसान समस्याओं पर बोल रहे है उनकी आवाज को दबाने का काम कर रहें इसी क्रम में अब 25 नवम्बर को किसान पैदल कूच कर अपने प्रदेश के ईमानदार मुखिया के दरबार मे अपनी समस्या कहने जाएंगे समस्या हल होने तक हमारा आंदोलन मैगलगंज सिधौली में तब तक जारी रहेगा अगर हमको प्रसाशन व नेता मिलकर किसी फर्जी मामले में जेल भी भेज देंगे तब संगठन यह लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ेगा।


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