नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

चोरी के संदिग्ध और कथित मामले में एक व्यक्ति को मात्र संदेह के आधार पर गिरफ्तार करना पुलिस को भारी पड़ गया है। कोर्ट ने इस मामले मे थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए नाराजगी जाहिर की है। 19 अक्टूबर को जामनेर पुलिस ने चोरी के माल की ढुलाई के संदेह को लेकर अजीम हाफ़िज़ मिर्जा नामक शख्स को सी आर पी सी क 41(1)(ड) के हवाले से गिरफ्तार किया और कोर्ट मे पेश किया। पुलिस ने प्रोटोकॉल के अनुसार कोर्ट से किए अनुरोध में कहा कि उनको आरोपी से पूछताछ के लिए तीन दिन की पुलिस रिमांड मिले इस मामले में पुलिस ने मिर्जा पर किसी भी प्रकार से आधिकारिक तौर पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया था। न्यायधीश डी एन चामले ने यह कहते हुए रिमांड की मांग खारिज कर दी कि सी आर पी सी क 41(1)(ड) के तहत किसी भी व्यक्ति को पुलिस की ओर से मात्र शक के आधार पर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता ये गिरफ्तारी गैरकानूनी है। कोर्ट ने थाना प्रभारी किरण शिंदे और पुलिस कर्मी जयेंद्र पगारे को यह कहते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया कि आपके खिलाफ पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट क्यों नहीं भेजी जाए। इस मामले में कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई है। उक्त खबर को स्थानीय मीडिया के कुछेक अखबारों ने पहले पन्ने पर जगह दी है। कानूनी अधिकारों और अमल को लेकर न्यायालयों की ओर से आए दिन आने वाले विभिन्न फैसलों, निरीक्षणों तथा मन्तव्यों का प्रसारण आम जनता में प्रबोधन के लिए आवश्यक पहलू है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.