नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (मप्र), NIT:
तमाम नागरिक एवं वाहन धारकों से जनहित में यह अपील की जा रही है कि अगर आप जामनेर शहर के भीतर जलगांव रोड भुसावल रोड और पाचोरा रोड पर अपने वाहनों से आवागमन कर रहे हैं तो सड़क डिवाइडर से सटकर वाहन ना चलाएं क्योंकी इन सड़कों पर स्थित ब्रिज जर्जर हालत में है जो किसी भी वक्त ज़मीदोज़ हो सकते हैं. वैसे तो PWD द्वारा अखबारों में इश्तिहार देकर या फिर नोटिस बोर्ड लगाकर इस सूचना से जन जन को अवगत कराया जाना चाहिए था लेकिन इसके लिए आवश्यकता होती है नैतिक ईमानदारी की जिसे लेनदेन के अनैतिक सिस्टम ने ख़त्म कर दिया है. NIT ने फोरलेन के बदहाली के विषय में दो बार सटीक रिपोर्ट छापी है जिसमें साबित किया है कि किस तरह से 8 करोड़ की फोरलेन सड़क के निर्माण के दौरान तत्कालीन ठेकेदार ने पत्थर के पुराने ब्रिजेस को गिराए बगैर उनको लितापोती की और इन्हीं पुराने ब्रिजेस को जोड़कर नए ब्रिज बना दिए है. एक नए ब्रिज का कोटेशन मोटामोटी 35 लाख रुपए माना जाए तो 4 ब्रिजेस के लिए डेढ़ करोड़ रुपया लगता. महज कुल 3 से 4 किमी लंबे फोरलेन के 8 करोड़ के टेंडर में इस का प्रावधान अवश्य होगा लेकिन अनुरूप काम नहीं किया गया. कुछ दिन पहले बस स्टैंड के पास वाले ब्रिज के अंदर के पत्थर खिसककर बड़ा सा गड्ढा पड़ा तो उस गड्ढे को स्टील कंक्रीट से रफ़ू कराया गया जिसके बाद ब्रिज को आवागमन के लिए खुला कर दिया गया है. सड़क को जगह जगह गड्ढ़े थे जिन्हें इस लिए भर दिया गया है ताकि मंत्री गिरीश महाजन के सरकारी काफिले में शामिल कारों की रफ्तार में कोई गुस्ताखी न हो. ठेकेदार द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाए गए शहर के अंदर से गुजरने वाले इन राजमार्गों की मात्र सात साल में हुई इस दुर्दशा को लेकर PWD के विजिलेंसी (दक्षता) विभाग ने अपनी आँखें मूंद ली हैं इस लिए विजिलेंसी से किसी भी प्रकार की जांच या कार्रवाई की कोई गुंजाइश शेष नहीं बची है.
कांग नदी पुल को लेकर बना सस्पेंस
जामनेर के उत्तर दक्षिण छोर को जोड़ने वाले कांग नदी पर स्थित बड़े ब्रिज का काम अभी तक शुरू नहीं किया गया है. इस ब्रिज के लिए निवर्तमान उद्धव ठाकरे सरकार ने PWD की ओर से 6 करोड़ रुपए का फंड वितरित कर दिया है.
शांतिपूर्ण माहौल मे संपन्न हुआ गणेश उत्सव: शहर में गणेश उत्सव का पर्व शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. इस बार गणेश विसर्जन रैलियों के मार्ग में बदलाव किए गए. बीते तीन दशक में पहली बार ऐसा देखा गया कि कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से इस बार व्यापक रूप से सुरक्षा मुहैया कराई गई.
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