मुबारक अली, ब्यूरो चीफ, शाहजहांपुर (यूपी), NIT:सरकारी योजना बताकर जल जीवन मिशन के नाम से लाखों की ठगी, लखनऊ के हजरतगंज में बना रखा था ऑफिस।
सरकारी योजनाओं के नाम पर नौकरी देने तथा फर्जी जॉइनिंग ऑफर लेटर भेजकर रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
नीरज सिंह साइबर क्राइम प्रभारी, व0 उ0 नि0 राकेश कुमार चौहान थाना कोतवाली अर्जुन कुमार साइबर सेल, शिवम कुमार साइबर सेल, अजय चौधरी साइबर सेल आदि पुलिस टीम द्वारा आज प्रातः मुखबिर की सूचना पर कालोनी साउथ सिटी थाना चौक कोतवाली में छापा मारकर धर्मेंद्र शुक्ला पुत्र स्वर्गीय माया कांत निवासी मोहल्ला केसरी निवास थाना कोतवाली जनपद उन्नाव ( सरगना) एवं मिथिलेश कुमार प्रजापति पुत्र मातादीन निवासी ग्राम मजीठी थाना पट्टी जनपद प्रतापगढ़ को किया गिरफ्तार इनके पास से पुलिस ने 156 टी शर्ट जिस पर जल जीवन मिशन का लोगो लगा है, 3 डेक्सटॉप, एक प्रिंटर, 2335 व्यक्तियों की सूची, 9 मोहरे, तीन चेक बुक, एक बैंक की पासबुक, 5 एटीएम कार्ड अलग-अलग बैंक के एक आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, दो मोबाइल फोन, 310 अलग-अलग व्यक्तियों के बायो डाटा फॉर्म, दो फर्जी नियुक्ति पत्र पुलिस ने बरामद कर आरोपी को जेल भेज दिया है।
एस. आनन्द पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नौकरी देने के नाम पर ठगी करने की शिकायतें प्राप्त हो रही थी तो टीमें गठित कर इस का खुलासा किया गया. गिरफ्तार अभियुक्त धर्मेंद्र शुक्ला, मिथिलेश कुमार से पूछताछ की गई तो जानकारी प्राप्त हुई की इस सरकार ने जल जीवन मिशन और राज्य पेयजल एवं स्वस्थ मिशन नाम से योजनाएं चला रखी हैं जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर में पानी की पाइप लाइन बिछाकर टंकी लगाई जानी है, तभी हम दोनों ने मिलकर भोले भाले व्यक्तियों से इस योजना में सर्वे के नाम पर नौकरी का झांसा देकर पैसे ठगने की योजना बनाई और उसी के तहत हम लोगों ने अखबार में फर्जी विज्ञापन नियुक्ति के संबंध में छप गया था जिसमें काफी लोग विज्ञापन देखकर हमें फोन से संपर्क करते थे और हम उन लोगों को कभी लखनऊ वाले ऑफिस पर तथा कभी शहजानपुर के ऑफिस पर इंटरव्यू देने के बहाने बुलाते थे तथा उनसे उनका बायोडाटा व शैक्षिक प्रमाण पत्रों की छाया प्रति वर्ष फोटो के साथ लेकर हर व्यक्ति से रजिस्ट्रेशन ट्रेनिंग बैंक खाता खोलने जल जीवन मिशन की टी-शर्ट देने तथा पुलिस सत्यापन आदि के नाम से 25 ₹100 से लेकर ₹5000 नगद या अपने अलग-अलग बैंक खातों में जमा करा लेते थे लोगों को शक ना हो इसके लिए हम उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर उनकी नियुक्ति के अलग-अलग पर बताते थे तथा कंप्यूटर की मदद से हम हमारे झांसे में आने वाले लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करके देते थे हम लोगों ने अपना मुख्यालय हजरतगंज लखनऊ में बना रखा था जिससे कि लोग हम पर आसानी से विश्वास कर सकते हैं हम दोनों ने मिलकर करीब 25 100 से 3000 लोगों से करीब 40 से 50 लाख रुपए ठगे हैं जिसकी पूरी सूची हमारे पास है इसके अलावा हम प्रदेश के विभिन्न जनपदों से भी रुपए ठगने के इरादे से वहां पर अपने इसी तरह के और ऑफिस खोलने की फिराक में थे जिससे कि हम लोग अधिक से अधिक व्यक्तियों से पैसा लेकर अपना मोबाइल बंद करके और किराए का ऑफिस खाली करके विदेश भाग जाते हैं।
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