एस.आर.एफ. कंपनी लिमिटेड मालनपुर ग्वालियर में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के द्वारा 'सुप्रशासन हेतु आध्यात्मिकता' विषय पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन | New India Times

गुलशन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

एस.आर.एफ. कंपनी लिमिटेड मालनपुर ग्वालियर में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के द्वारा 'सुप्रशासन हेतु आध्यात्मिकता' विषय पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन | New India Times

एस.आर.एफ. कंपनी लिमिटेड मालनपुर ग्वालियर में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के द्वारा ‘सुप्रशासन हेतु आध्यात्मिकता’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में भोपाल से पधारे वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्माकुमार श्रीप्रकाश भाई जी, कंपनी के उपाध्यक्ष भ्राता नारंग जी, महाप्रबंधक भ्राता संतोष पाठक जी सहित कंपनी के लगभग 60 अधिकारी एवं प्रबंधक उपस्थित थे।

एस.आर.एफ. कंपनी लिमिटेड मालनपुर ग्वालियर में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के द्वारा 'सुप्रशासन हेतु आध्यात्मिकता' विषय पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन | New India Times

भ्राता श्रीप्रकाश जी ने सभी को संबोधित करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि आज वैश्विक परिस्थितियां तेजी से बदल रही है। टेक्नोलॉजी में मूल चूल परिवर्तन हो रहा है। विश्व बाजारीकरण, आर्थिक मंदी, देशों की परस्पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। ऐसे हालातों में भारतीय उद्योगों के समक्ष भी अस्तित्व का संकट गहरा रहा है।फलस्वरूप कंपनीज के मालिक , सीईओ, महाप्रबंधक सहित हर प्रबंधक, टेक्नोक्रेट के सामने कई प्रकार की चुनौतियां हैं। कार्य क्षेत्र के बढ़ते दबाव, प्रतिस्पर्धा और संघर्ष के कारण प्रशासकों और प्रबंधकों में तनाव, चिंता, भय की वृद्धि हो रही है।जिसका असर उनके निजी जीवन तथा परिवार पर भी प्रतिकूल पड़ता है। अतः आज के आपाधापी के जीवन में उन्हें मन को शांति, चित्त की एकाग्रता तथा व्यक्तिव में सहनशीलता, धैर्य, साहस, दृढ़ता, आत्मविश्वास जैसे गुणों को धारण करने की आवश्यकता है। मात्र शरीर शक्ति या विषयगत ज्ञान से कर्म क्षेत्र पर सफलता नहीं मिलती इसके लिए ब्रह्माकुमार संस्थान द्वारा प्रशिक्षित राजयोग तथा आध्यात्मिक ज्ञान से मन बुद्धि का शुद्धिकरण और सशक्तिकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा एक प्रशासक का जीवन आदर्श होना चाहिए। उसे सिर्फ बॉस की तरह नहीं अभिवावक की तरह व्यवहार करना चाहिए तभी वह अपने अधीन कर्मचारियों की कार्य शैली और व्यक्तित्व में सकारात्मक सुधार ला सकेगा। प्रशासन प्रेम के नियम से चलाया जाए तो सबका सहयोग स्वतः मिलता है उद्योग की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में वृद्धि के साथ साथ अधिकारी तथा कर्मचारियों के अंतर्संबंध भी मधुर बनते हैं। उन्होंने कहा हमें यदि अपने संस्थान को उन्नति शिखर पर ले जाना है। मन को शांत, शीतल, जागरूक, दया और करुणा भाव रखते हुए परस्पर सहयोग, प्रेम, आदर और समन्वय से कार्य करना होगा। हम सिर्फ खुद आगे बढ़ने की न सोचें हमारा नारा win & let win अर्थात जीतो और सबको जीतने दो का होना चाहिए। इस प्रकार आगे बढ़ाना ही आगे बढ़ना है। राजयोग और आध्यात्मिकता से हम अपने विचारों और संस्कारों से ऐसा सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। अंत में हॉटलाइन कंपनी लिमिटेड ग्वालियर के पूर्व उपाध्यक्ष भ्राता प्रसाद जी ने भी अपने संक्षिप्त अनुभव सुनाए।कंपनी के उपाध्यक्ष भ्राता नारंग जी ने भ्राता श्रीप्रकाश भाई जी और ब्रह्माकुमारी संस्थान का हृदय से धन्यवाद किया और पुनः उन्हे आध्यात्मिक प्रशिक्षण द्वारा प्रोत्साहित करने का निमंत्रण दिया।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading