सुहेल फ़ारूक़ी, मुंबई, NIT; मुंबई और आसपास के इलाकों में पिछले कुछ दिनों अच्छी बारिश हो रही हैं जो मुंबई वासियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मुंबई को पानी सप्लाई करने वाले कई झील बिल्कुल छलकने के करीब पहुंच चुके हैं और बाकी सभी झीलों के जलस्तर में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है।
तानसा झील में पानी आपूर्ति का कुल स्तर 128.6 मीटर है। रविवार सुबह तक इस झील में पानी पूरी तरह भरने से चंद मीटर ही कम था। यहां अभी भी बारिश हो रही है। मोडक सागर से रोजाना करीब 10 लाख 28 हजार लीटर पानी मुंबई को भेजा जाता है। शनिवार को ही यह पूरा भर गया था और पानी बाहर निकलने लगा था। प्रशासन के मुताबिक, सभी 7 झीलों की कुल क्षमता करीब साढ़े 14 खरब लीटर है। अभी तक हुई बारिश के कारण झीलों में कुल क्मता का 66 फीसद से ज्यादा पानी भर चुका है। पिछले साल इसी समय झीलों में पानी की कुल मात्रा कुल क्षमता का लगभग 48 फीसदी ही थी। इससे पहले 2016 में 16 जुलाई तक यहां केवल 19.6 फीसद पानी ही भर पाया था। उस साल काफी कम बारिश हुई थी। इसी वजह से मुंबई नगरपालिका को करीब एक साल तक पानी की सप्लाइ में 20 प्रतिशत तक की कटौती करनी पड़ी थी।
मुंबई महानगर नगरपालिका प्रशासन हर सुबह झील में मौजूद पानी के स्तर की जांच करता है। मनपा अधिकारियों के अनुसार मुंबई शहर को हर दिन 30 लाख 750 लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में झीलों के अंदर सितंबर के अंत तक की खपत के लिए पर्याप्त पानी है। इसके बाद BMC आगे की अपनी रणनीति तय करेगा। पानी की उपलब्धता के हिसाब से शहर को की जाने वाली पानी की सप्लाइ पर फैसला लिया जाएगा। अगर सितंबर के अंत तक झीलें पूरी तरह भर जाती हैं, तो मुंबई शहर को अगले साल जून तक पानी की कोई कमी नहीं होगी। जिन 7 झीलों पर मुंबई शहर को पानी सप्लाइ करने की जिम्मेदारी है, उनमें से 5 नासिक और उसके आसपास के जिलों में हैं। बाकी दो झीलें मुंबई में हैं और इनमें पानी की मात्रा पिछले साल की तुलना में कम है।
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