भूपेंद्र पांडेय, रीवा/भोपाल (मप्र), NIT:
रीवा विकास खण्ड मऊगंज में शिक्षा व्यवस्था राम भरोसे चल रही है कयोंकि उच्च शिक्षा अधिकारी मौन हैं. आप को बताते चलें कि मऊगंज विकास खण्ड में कई ग्राम पंचायत आते हैं, अभी हम कुछ ही ग्राम पंचायत में चल रही शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी दे रहे हैं. ग्राम पंचायत बरहठा में स्थित (विद्यालय कोड) 23140310205 बरहठा विद्यालय की स्थिति इतनी दयनीय कर दिए हैं कि वहाँ के अध्यापक व परिजन अपने बच्चों को विद्यालय में भेजने से डरते हैं. आपके बताते चलें कि बरहठा स्थित विद्यालय में अध्यापकों की घोर निंदनीय लापरवाही देखने को मिली है. कल पत्रकारों की टीम जब सुबह 10:15 बजे पहुचीं तब तक सब ठीक था लेकिन जब 11:00 बजने के बाद भी विद्यालय का ताला नहीं खुला तो पत्रकार की टीम अगल बगल से इस सन्दर्भ में जानकारी लिये तो पता चला की हेडमास्टर साहब 11:00 से लेकर 11:15 बजे के बीच उपस्थिति देते हैं एवं सह अध्यापक एवं अध्यापिका 11:00am के पहले नहीं आती हैं. इतना ही नहीं ग्रामीण जनता का कहना यह भी है की यहाँ पर कोई किसी भी तरह की नियम का पालन नहीं किया जाता है साथ में हम सब को डर भी लगा रहता है बच्चे रोड पर आते हैं. जब यह शिकायत करने हेडमास्टर एवं अध्यापकों के पास जाते हैं तो वह साफ इंकार कर देते हैं कि अपने बच्चों को विद्यालय ना भेजें और साथ में यह भी जवाब देते हैं कि यहाँ पढ़ाई लिखाई नहीं होती है तो किसी लिए भेजते हैं.
वहीं दूसरी घटना मऊगंज विकास खण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बहुती में शिक्षा व्यवस्था निंदनीय शर्मसार करने वाली है. जिसके जिम्मेदार डाइस कोड (23140703804) माध्यमिक शासकीय बहुती में स्थित (मिडिल) के हेडमास्टर एवं सह अध्यापिका हैं. आपको बताते चलें कि हेडमास्टर रामकिशोर प्रजापति, सह अध्यापिका अनजू त्रिपाठी, ममता साकते, राजकुमारी हेडमास्टर एवं सह अध्यापिकाओं का भव्य प्रर्दशन रहता है वह जब पत्रकार की टीम विद्यालय पर जांच करने पहुंचे की अध्यापक एवं अध्यापिका कितने समय पर आते हैं वह पहुंचने पर विद्यालय परिसर के बाहर बच्चों और ग्रामीण जनता से बातचीत करने पर पता चला यहाँ की स्थिति बद से बस्तर हो चुकी है बच्चों एवं ग्रामीण जनता के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार हेडमास्टर रामकिशोर प्रजापति एवं सहअध्यापिका अनजू त्रिपाठी, ममता साकते, राजकुमारी जो विद्यालय के नजदीक में रहते हैं वह भी 11:15am के पहले विद्यालय परिसर का ताला नहीं खोलती, यह रोज का दिनचर्या हो चुकी है साथ में ग्रामीण जनता जिसमें की कुछ उसमें परिजन भी थे उन्होंने बताया यह अगर शिकायत बच्चे करते हैं तो उनको मास्टर साहब लोग डराते हैं और मारते हैं. जब वहाँ पत्रकारों की टीम जाचं पडताल करने पहुंची तब समय 10:10am हो रहा था और यह सब जानकारी लेने और बातचीत करते 11:10am हो चुका था लेकिन तब तक कोई अध्यापक एवं अध्यापिका उपस्थिति नहीं हुए.
ग्रामीण जनता का कहना है कि ऐसी शिक्षा व्यवस्था से शिक्षा ही ना दे सरकार. अब देखना है कि इस मामले में शिक्षा अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं.
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.