दलित की झोपड़ी को प्रधान और सेक्रेटरी ने कागजों में बना दिया पक्का | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:

दलित की झोपड़ी को प्रधान और सेक्रेटरी ने कागजों में बना दिया पक्का | New India Times

अंबेडकर नगर में 2022 चुनाव से पहले सरकार के विकास की पोल खुल गई है। जिले के कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में आज भी कई बस्तियां सरकारी सुविधाओं से कोसों दूर हैं. इनके नाम पर केवल राजनीति की जाती है किंतु जीत कर जाने के बाद कोई भी राजनेता या स्थानीय प्रधान जहमत उठाना नहीं चाहता। बस्ती के लोग अपने को ठगा महसूस करने लगे हैं. देखना है तो ग्राम सभा बरामदपुर जरियारी ग्राम पंचायत को देखिए। इसी गांव के रमापति पुत्र सुखाई ने बताया कि भाजपा सरकार में भी भ्रष्टाचार चरम पर है, शिकायत पर शिकायत करने पर भी निष्कर्ष कुछ नहीं निकलता. हमने प्रधानमंत्री आवास के तहत दो साल पूर्व आवेदन किया था मगर प्रधान और ग्राम सचिव और अधिकारियों ने रिपोर्ट में लिख दिया है कि हमारे पास पक्का मकान है, मैं झोपड़ी में रहने वाला आखिर कागजों में अधिकारियों ने कैसे पक्का मकान बना दिया। इसका जवाब ग्राम प्रधान शारदा देवी प्रतिनिधि राम प्रसाद यादव से पूछने पर जातिसूचक गालियां देते हुए कहते हैं वोट नहीं दिए। गांव के लोगों ने बताया कि 15 वर्षों से लगातार गांव की प्रधानी इन्हीं के हाथों में है। इंटरलॉकिंग के पैसे में भी लाखों रुपए का गबन किया गया है मगर इन पर कोई कार्यवाही नहीं होती. अधिकारियों के पास इनकी शिकायत करने पर अपने गुंडों से पिटाई भी करवाते हैं इनके खिलाफ बोलने पर। नीलम ने भी बताया कि प्रधानमंत्री आवास के लिए गांव के प्रधान को कहा गया मगर सुनने को तैयार नहीं, समूह से पैसा लेकर किसी भी तरह घर तैयार किया गया। हम लोगों को सरकार की योजनाओं का कोई भी लाभ नहीं मिल पाया है।
70 वर्षीय बुजुर्ग ने कहा कि चुनाव के समय नेता आते हैं, वोट मांगते हैं और सभी दिक्कतों के निपटारे की बात करते हैं। बहू-बेटियां पानी लेकर जब खेत की तरफ शौच के लिए जाती है तो उन्हें भी शर्म महसूस होता है।
इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामप्रकाश यादव से पूछा गया रमापति पुत्र सुखाई के आवास के बारे में तो उन्होंने कहा कि इनके पास पक्का मकान था इन्होंने अपना घर गिरा दिया।


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